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श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ, ऋषि मारकंडेय और सूर्य भगवान की हुई विशेष आराधना।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
सावन पूजन से अनिष्ट कष्ट एवं अकाल मृत्यु को भगवान शिव स्वयं अपनी विशेष कृपा से हर लेते हैं : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 23 जुलाई : रविवार को मारकंडा नदी के तट पर भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मारकंडेय की तप स्थली श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में भगवान भोलेनाथ, ऋषि मारकंडेय और सूर्य भगवान की विशेष आराधना की गई।
संत महापुरुषों के साथ सावन पूजन कर रहे अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सावन में भगवान भोले नाथ के परम भक्त ऋषि मारकंडेय और सूर्यदेव का दिन रविवार होने के कारण इस दिन तो अद्भुत कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट कट जाते हैं। रविवार को यजमान पलविंदर सिंह, राजबीर कौर, गुरपाल सिंह, कमलेश कौर, हर्षदीप, नवदीप, गुरविंदर, पूनम, नीतू, हरमन, संजना व अनु इत्यादि ने पार्थिव शिवलिंग अभिषेक किया।
पार्थिव शिवलिंग अभिषेक सम्पन्न होने के उपरांत मारकंडा नदी में विसर्जन किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सावन महीने में भगवान शिवजी, सूर्यदेव तथा ऋषि मारकंडेय की विशेष पूजा का अवसर सौभाग्य से ही मिलता है। इससे जीवन में असाध्य रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
उन्होंने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश त्रिदेव में शिव संपूर्ण सृष्टि के पालनहार एवं मृत्यु हरने वाले देवता माने गए हैं। 33 कोटि देवी देवताओं में भगवान शिव ही देवाधिदेव महादेव की उपमा से अलंकृत हैंं। जिनके दर्शन पूजा अर्चना एवं व्रत से संग जीवन में सर्व संकटों के निवारण के साथ अभीष्ट की प्राप्ति होती है।
महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि भगवान शिव की पूजा से भक्तों पर आने वाले अनिष्ट कष्ट एवं अकाल मृत्यु को भगवान शिव स्वयं अपनी विशेष कृपा से हर लेते हैं। रविवार के सावन पूजन में स्वामी संतोषानंद, स्वामी अमर दास, भाना सिंह, बिल्लू पुजारी, दलबीर सिंह, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, रविकांत इत्यादि भी शामिल हुए।
पार्थिव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक एवं पूजन करते हुए शिव भक्त तथा पूजन के उपरांत विसर्जन के लिए जाते हुए।