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श्रीकृष्ण संग्रहालय भारतीय संस्कृति और पुरातन धरोहर का जीवंत केन्द्र : प्रो. अरुण केसरीवानी

श्रीकृष्ण संग्रहालय, कुरुक्षेत्र में मनाया गया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह।

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 17 अगस्त : विगत कई वर्षों से श्रीकृष्ण संग्रहालय, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पारम्परिक हर्षोल्लास एवं धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता रहा है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी संग्रहालय में विविध सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए रंगोली/अल्पना प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका विषय कृष्ण जन्माष्टमी के प्रतीक रखा गया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन निर्णायक मंडल के माननीय सदस्य आर.एस. पठानिया, पूर्व व्याख्याता तथा डॉ. जया दरोंडे, सह-प्राध्यापक, ललित कला विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विश्वास पब्लिक स्कूल, शाहाबाद की परलीन कौर, नवसीन और आयुषी ने प्राप्त किया, द्वितीय पुरस्कार सरकारी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, थानेसर की अंजली, तृप्ति और सरिता को मिला तथा तृतीय पुरस्कार एस.डी. गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुन्दरपुर की सुनाक्षी, मन्नत और रिया को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर प्रो. अरुण केसरीवानी, पूर्व अध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य यजमान के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में कृष्ण पूजन सम्पन्न हुआ तथा प्रतियोगिता के विजेताओं एवं प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि वह भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को व्यवहार में लाएँगे तो उनका जीवन अनुशासित, सार्थक और समाजोपयोगी बनेगा। श्रीकृष्ण संग्रहालय भारतीय संस्कृति और पुरातन धरोहर का जीवंत केन्द्र है, जो आने वाली पीढिय़ों को इतिहास से जोडऩे का कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में भक्ति और संगीत का अद्भुत संगम भी हुआ। विशाल पंडित द्वारा प्रस्तुत भगवान श्रीकृष्ण भजनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं शिव कुमार ने अपनी बांसुरी पर कृष्ण स्तुति प्रस्तुत कर वातावरण को और अधिक भावपूर्ण बना दिया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. दिनेश राणा, डॉ. शशिबाला मित्तल, इतिहासकार विनोद पंचोली,सुभाष चन्द्र सारसा, कुरुक्षेत्र गाइड कोर्स के प्रशिक्षु कुशिन्द्र राणा गौड़, पंडित अनिल गौतम,कैलाश गोयल,ओमप्रकाश, सुमन एवं अमित उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभागी विद्यार्थी, अध्यापकगण, नगर के गणमान्य नागरिक तथा संग्रहालय के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित होकर इस धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन के सहभागी बने।

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