एसआरपी कालेज के संस्थापक की प्रतिमा का हुआ अनावरण
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रिपोर्ट :- अविनाश शाण्डिल्य,कोंच
जिला संबाददाता समाचार Vv न्यूज़ चैनल जालौन
कोंच(जालौन) वर्ष 1948 में मान्यता प्राप्त नगर का सबसे पुराना एसआरपी इंटर कॉलिज के संस्थापक शालिग्राम पाठक की प्रतिमा का अनावरण उच्चारित मंत्रोच्चार के बीच सोमवार को कॉलिज परिसर में स्व शालिग्राम के वंशजों, जनप्रतिनिधियों,शिक्षाविदों सहित गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में किया गया।
अनावरण समारोह की अध्यक्षता स्व पाठक के प्रपौत्र मधुर पाठक ने की जबकि पालिकाध्यक्ष डॉ सरिता वर्मा, डीआईओएस भगवत पटेल, विधायक पुत्र व युवा भाजपा नेता आशु निरंजन,कॉलिज के साधिकार नियंत्रक रमेशचंद्र वर्मा,पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि विज्ञान सीरौठिया आदि अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।समारोह की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर की गयी, तदुपरांत कॉलिज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व अतिथि स्वागत गीत प्रस्तुत किया।कॉलिज के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों ने अतिथियों का बैज अलंकरण कर व माल्यार्पण कर स्वागत किया।समारोह में बोलते हुए डीआईओएस ने कहा कि शिक्षा रूपी महादान कर स्व शालिग्राम पाठक ने क्षेत्र के बच्चों को आगे बढ़ने का जो अवसर प्रदान किया है उसे कभी भी विस्मृत नहि किया जा सकता है।पालिकाध्यक्ष व आशु निरंजन ने कहा कि नगर की सबसे पुरानी इस शिक्षण संस्था से पढ़कर आज सैकड़ों लोग विविध क्षेत्रों में देश की सेवा कर रहे हैं और यह सब स्व शालिग्राम पाठक की देन है।समारोह का संचालन शिक्षक एसआर सिंह ने किया जबकि कॉलिज के प्रधानाचार्य हरिपति सहाय कौशिक ने आभार प्रकट किया।इस मौके पर स्व शालिग्राम के प्रपौत्र कर्नल सुयश पाठक, सहज पाठक, सुब्रत पाठक, अपर्णा पाठक, नीलम पाठक सहित भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया, नामित सभासद प्रदीप गुप्ता, भाजपा जिला मंत्री अंजू अग्रवाल, एमपीडीसी डिग्री कॉलिज के प्राचार्य डॉ टीआर निरंजन, पूर्व प्राचार्य प्रो वीरेंद्र निरंजन,कॉलिज के पूर्व प्रधानाचार्य राकेश निरंजन,अनिल अग्रवाल, मयंक मोहन गुप्त, सेठ व्रन्दावन कॉलेज के प्रधानाचार्य बृजबल्लभ सेंगर, दरिद्र नारायण सेवा समिति के संयोजक कढोरेलाल यादव, डॉ सतीशचंद्र शुक्ला, डॉ हरीमोहन गुप्त, विहिप अध्यक्ष साकेत शांडिल्य, व्रजेन्द्र वाजपेयी एड,अबधेश पटेल प्रधान पचीपुरी,विवेक द्विवेदी आदि मौजूद रहे।विदित हो कि जनपद मैनपुरी के मूल निवासी शालिग्राम पाठक उस समय जनपद जालौन में जिलाधिकारी के पद पर पदस्थ थे और उन्होंने क्षेत्र के बच्चों की सुगम शिक्षा हेतु नगर में खाली जमीन खरीदकर उस जमीन को कॉलिज निर्माण हेतु दान कर दी थी और फिर इनके नाम से ही कॉलिज का नाम रखा गया था।वहीं कॉलिज संचालन के इतने वर्ष बीत जाने के बाद स्व शालिग्राम के दिल्ली में रहने वाले प्रपौत्र बीते कुछ माह पूर्व कॉलिज पहुंचे थे और उन्होंने अपने वंशज को याद करते हुए उनकी प्रतिमा कॉलिज परिसर में लगवाने का संकल्प लिया था।