पूर्वांचल ब्यूरो
परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर दशकों पहले गंगा नदी पर करोड़ों की लागत से बने सेतु के पास लगी शिला पट्टिका काफी दिनों से गायब है। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों ने कई बार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई पहल नहीं होता देख लोगों में संबंधित विभाग के प्रति आक्रोश फैल रहा है।
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि शिलापट्ट को लेकर संबंधित विभाग से कई बार शिकायत की गई मगर विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। जो शहीद के प्रति उसकी समर्पण भावना नहीं दिखा रही है। लोगों का कहना है कि सेतु से समय-समय पर वीआईपी, विभिन्न विभागों के आलाधिकारियों सहित अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन किसी के द्वारा इस बात की सुधि नहीं ली गई। जिससे शहीद के नाम पर बने इस पुल के पास उनके नाम की लगी पट्टिका भी गायब है।
जबकि लोगों की आवागमन संबंधी परेशानियों को देखते हुए करीब 1100 मीटर लंबे 11 पिलर वाले वीर अब्दुल हमीद सेतु का निर्माण कराया गया। जिसका 1974 में काम शुरू हुआ और 1984-85 में बनकर तैयार हुआ। उसके बाद इसे आमजन के लिए खोलने के साथ ही इस सेतु का नामकरण परम वीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर किया गया था। इस संबंध में एनएचए आई वाराणसी के परियोजना निदेशक आर एस यादव ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अगर ऐसा है तो जल्द ही शहीद के नाम वाला शिलापट्टिका लगा दिया जाएगा।