रुड़की
स्टोरी 7 दिन में 7 करोड़ का घोटाला
एंकर ,रुड़की चकबन्दी विभाग का एक और बड़ा घोटाला सामने आया है जिसमे एक दो नही बल्कि पूरे सात करोड़ रुपये का घोटाला चकबन्दी अधिकारियों ने भू माफियाओं के साथ मिलकर कर डाला वह भी मात्र सात दिनों में , वही एक समाजसेवी द्वारा मामला उजागर करने के बाद अब भू माफियाओं सहित चलकबन्दी अधिकारियों में हड़कम्प मचा हुआ है
मामला रहमत पुर गाँव का है जहाँ से दिल्ली से हरिद्वार के लिए बाईपास मार्ग बनना है जिसको लेकर बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की जमीनें एन एच को खरीदनी है जिसको लेकर भू माफिया पहले से ही सक्रिय होने लगे है इसी कड़ी में चकबंदी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम समाज की ज़मीन कुछ भू माफियाओं के नाम मात्र 7 दिनों में ही चढ़ा दी गई यानि 9 ,अप्रैल2021 को चकबन्दी विभाग में फाइल जमा की गई और 16 अप्रैल 2021 में उस पर ऑर्डर भी कर दिए गए साथ ही बड़ी बात यह कि 19 अप्रैल2021 में दाखिल खारिज भी कर दिया गया जबकि दाख़िल ख़ारिज के बाद चकबन्दी कोर्ट में फाइल चलनी चाहिए थी
इस मामले को एस ओ सी ने गलत माना है पर संबंधित फाइलों में उनके भी हस्ताक्षर है वही समाजसेवी जगजीवन राम ने मामले को उजागर कर तमाम चकबन्दी विभाग और भू माफियाओं की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री तक से मामले की शिकायत की है जिसमे सी ओ सी डी एस नेगी ने सात दिन में ही मामले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है
पर एक बड़ा सवाल यह भी उठता ही कि चकबन्दी विभाग के इन्ही अधिकारियों पर अबसे पूर्व 2019 में भी एक चकबन्दी घोटाले की जाँच एस आई टी द्वारा की जा रही जो कि 2 सालों में भी पूरी नही हो सकी अब सवाल यही है कि क्या 7 दिनों में यह जाँच पूरी होगी
बाईट , जगजीवन राम शिकायत कर्ता
वही इस मामले में एस ओ सी ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से साफ इनकार किया है और उनका कहना है कि मामले की सात दिनों में वह जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे पर जब खुद एस ओ सी ही दोषी है तो वह किस पर और कैसे कार्यवाही करते है यह देखना बहुत दिलचस्प होगा