वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुवि के गुलजारी लाल नंदा केंद्र में संस्कृत स्तोत्र गायन प्रतियोगिता आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 18 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में भारत रत्न गुलजारी लाल नन्दा नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र केन्द्र के तत्वावधान में सोमवार को संस्कृत स्तोत्र गायन प्रतियोगिता व व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने केन्द्र द्वारा पहली बार आयोजित इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि स्तोत्र गायन भारतीय ज्ञान परंपरा की मूल्यवान धरोहर है । इनके गान से अंतर्मन प्रसन्न हो जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने वेदों, ब्राह्मण ग्रंथों एवं कालिदास के साहित्य के माध्यम से विस्तार से स्तोत्र गायन की परंपरा एवं महत्व की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि यह आयोजन हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के संस्कृत प्रकोष्ठ के सौजन्य से संपन्न हुआ। प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. सीडीएस कौशल ने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए केन्द्र एवं सभी विद्यालयों के शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई दी।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मदनमोहन छाबड़ा ने कुरुक्षेत्र के इतिहास एवं धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुलजारीलाल नंदा केन्द्र की निदेशिका प्रो. शुचिस्मिता ने बताया कि केन्द्र के माध्यम से सदैव नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिनसे नंदा जी के विचार एवं भारतीय संस्कृति का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी महाभारत, रामायण आदि ग्रंथों तथा अन्य सांस्कृतिक ग्रंथों के आधार पर छात्रों में ज्ञान परंपरा को विकसित करने के लिए आयोजन किए जाते रहेंगे। प्रो. कृष्णा देवी ने पुरस्कार वितरण किया। स्तोत्र गायन प्रतियोगिता में डा. चंद्रलेखा, डा. रामचन्द्र एवं डॉ. विजय श्री ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन किया। मंच का संचालन विधि संस्थान की छात्रा सिया ने किया तथा प्रतियोगिता के संचालन में पपिन्द्र सिंह तथा रिम्मी वर्मा ने अपना सहयोग दिया।