एमएलसी चुनाव में फस रहा है पेच पिता की साख लगी दाव पर
एक तरफ भाजपा ने अरुण कांत यादव को टिकट देकर रमाकांत यादव को उलझा दिया
तो वहीं, बीजेपी से एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे ने भाजपा से टिकट ना मिलने पर निर्दल ही एमएलसी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर दिया
अब रमाकांत यादव हो या यशवंत सिंह यह दोनों नेता परिवार को देखते हैं या फिर पार्टी इनके लिए सर्वोपरि है अगर पार्टी के साथ जाते हैं तो परिवार में विरोध दिखेगा अगर परिवार के साथ जाते हैं तो पार्टी में विरोध दिखेगा अब कैसे इन दोनों पिता की मुश्किलों का हल होगा यह तो नतीजा आने पर पता चलेगा क्या करेंगे क्या नहीं करेंगे यह तो वही जान सकेंगे
लेकिन अब आजमगढ़ की भाजपा अंदर ही अंदर भाजपा में विरोध देखा जा रहा है यूं तो यशवंत सिंह सीएम योगी के काफी करीबी बताए जाते हैं हम कुछ तस्वीरें भी दिखाएंगे आप साफ़ देख सकते हैं कि यह कर तस्वीरें क्या कुछ करती है लेकिन आखिरकार बीजेपी ने यशवंत सिंह के बेटे को टिकट क्यों नहीं दिया
अब एमएलसी यसवंत सिंह के बेटे ने निर्दल चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन कर दिया
वहीं बीजेपी की बात करें तो बीजेपी ने यादव के सामने यादव प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया अब बीजेपी ने अंदर ही अंदर नाराजगी दिख रही है बीजेपी के हालांकि खुलकर कोई सामने नहीं आ रहा
अब कैसे जीतेंगे यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह और कैसे जीतेंगे रमाकांत यादव के बेटे अरुण कांत
सपा की मुश्किलों को बढ़ाने के लिए भाजपा ने यादव कार्ड खेलते हुए रमाकांत यादव के बेटे को ही मैदान में उतार दिया है
तो वहीं सपा ने राकेश यादव को फिर से उम्मीदवार बनाया है अब देखना है कि दो परिवारों के बेटे चुनाव लड़ेंगे या फिर पार्टी
भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर के बीच अब तीसरा धुरंधर भी मैदान में आ चुका है अब तो वक्त बताएगा तीनों धुरंधरों में कौन जीतेगा चुनाव
बाईट- बीजेपी अरुण कांत यादव
बाईट- निर्दल प्रत्याशी विक्रांत सिंह