संगीत में साधना किये बिना सफलता प्राप्त नही होती : प्रो. सोमनाथ

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कुवि के संगीत एवं नृत्य विभाग में संगीत की आठ दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ।

कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत एक अद्भुत एवं कला है। संसार का कोई भी व्यक्ति इस कला से अछूता नही है। संगीत में साधना किये बिना सफलता प्राप्त नही होती, इसलिए साधना के क्रम को अनवरत जारी रखना पड़ता है। वे गुरूवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के संगीत एवं नृत्य विभाग में व्यवसायिक कलाकारों व संगीत के शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए आयोजित ऑनलाईन कौशल विकास कार्यशाला में बोल रहे थे ।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने संगीत एवं नृत्य विभाग को इस कार्यशाला के लिए बधाई भी दी तथा सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी व कहा इस आठ दिवसीय कार्यशाला में आप जो ज्ञान अर्जित करेंगे वह आपके आने वाले जीवन मे बहुत लाभकारी होगा। ज्ञान मंथन के इस पवित्र कार्य से ज्ञान की नई दिशाएं खुलेंगी जो आप सभी के कौशल विकास व प्रतिभा को नई ऊंचाइयां प्रदान करेंगी।
इस कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत से किया गया । कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, संगीत एवं नृत्य विभाग की विभागाध्यक्षा व डीन प्रोफेसर शुचिस्मिता शर्मा, कार्यशाला के सभी विषय विशेषज्ञ तथा संगीत के विभिन्न कलाकार, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी इस उद्घाटन सत्र में सम्मिलित हुए।
कार्यशाला में गायन विषय के लिये पंजाबी विश्वविद्यालय के संगीत मर्मज्ञ व विद्वान प्रोफेसर यशपाल शर्मा, सितार वादन विषय के लिए विख्यात कलाकार व विद्वान पंडित हरविंदर शर्मा, तबला विषय के लिए डॉ. हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर से तबला के विशेषज्ञ डॉ. राहुल स्वर्णकार, कत्थक नृत्य के लिए विख्यात कथक कलाकार व गुरु डॉ. शुभ्रा तथा साउंड रिकॉर्डिंग की तकनीकों को सिखाने के लिए विद्वान डॉ. रवि गौतम के द्वारा प्रशिक्षण का कार्य किया जाएगा ।
कार्यक्रम में संगीत एवं नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शुचिस्मिता ने कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा तथा आमंत्रित सभी विषय विशेषज्ञों व सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा बताया कि संगीत एवं नृत्य विभाग समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहता है ।इस कार्यशाला में भी सैंकड़ो प्रतिभागियों ने नामांकन करवाया है तथा विश्वास जताया कि सभी प्रतिभागी अनुशासन से इस कार्यशाला में भाग लेंगे तथा विषय के विशेषज्ञों से ज्ञान प्राप्त करेंगे व उनके अनुभवो से लाभ उठाएंगे।
संगीत विभाग की शिक्षिका डॉ. आरती श्योकंद ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ, सभी विषय विशेषज्ञों तथा इस सत्र में भाग लेने के लिये सभी प्रतिभागियों व कलाकारों का धन्यवाद किया ।
गायन विषय के विशेषज्ञ डॉ. यशपाल शर्मा ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि संगीत विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में उन्होंने स्वर्णिम समय व्यतीत किया और यही पर अर्जित ज्ञान से भविष्य की नींव पड़ी । उन्होंने विश्वास दिलाया कि आने वाले आठ दिनों में गायन से संबंधित विविध विषयों का ज्ञान प्रतिभागियों से सांझा करेंगे। सितार वादक पंडित हरविंदर शर्मा ने प्रथम कालांश में सितार की सरंचना से लेकर बोलों को बजाने के ढंग पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के लिए तकनीकी संचालन डॉ. हरविंदर सिंह लोंगोवाल ने किया। इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का सूत्र संचालन डॉ. अशोक शर्मा ने किया तथा अंत में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाकर उद्घाटन सत्र का समापन किया गया।

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