सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एसवीएसयू की पहल को मिला बल

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के निदेशक (प्रौद्योगिकी) डॉ. मनीष कुमार हुड्डा से की एसवीएसयू के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात।
पलवल, प्रमोद कौशिक 30 जुलाई: श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के निदेशक (प्रौद्योगिकी) डॉ. मनीष कुमार हुड्डा से मुलाकात की और इस दौरान मिशन के विविध आयामों पर चर्चा हुई। इस बैठक में विश्वविद्यालय में शुरू किए जा रहे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सेमीकंडक्टर पैकेजिंग पर व्यापक चर्चा विचार-विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने भारत सरकार के मिशन में सहभागी होने के उद्देश्य से यह डिप्लोमा शुरू करने की पहल की है। उनका कहना है कि यह पहल भारत को सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ-साथ युवाओं को भविष्य के अनुरूप रोजगार योग्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. मनीष कुमार हुड्डा ने इस नवाचारपरक पाठ्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर तकनीक में भारत की आत्मनिर्भरता हेतु इस प्रकार के कौशल आधारित कार्यक्रम समय की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय ने यह नया प्रोग्राम शुरू कर सराहनीय पहल की है। साथ ही औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऑन द जॉब ट्रेनिंग की अवधारणा को भी उन्होंने सराहा। डॉ. मनीष कुमार हुड्डा ने कहा कि पाठ्यक्रम में औद्योगिक आयामों का समावेश काफी कारगर सिद्ध होगा। स्किल फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में इंडस्ट्री 4.0 के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कुलवंत सिंह, इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के उप निदेशक अमीष अमेय, तथा डॉ. मनीष कुमार इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अथाह संभावनाएं हैं। यह पीजी डिप्लोमा शुरू करने से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से युवा इस क्षेत्र में अपना योगदान सुनिश्चित कर पाएंगे।
डॉ. मनीष कुमार हुड्डा को स्मृति चिन्ह प्रदान करते प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव।