वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
गीता सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान : प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान।
कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के सभागार कक्ष में शनिवार को स्वस्थवृत विभाग का शिक्षक क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान द्वारा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स डॉ. जेके पंडा ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों से उपस्थित शिक्षकों का स्वागत किया और कहा कि शिक्षक अधिगम क्षमता की विकासात्मक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर यह कार्यशाला लगाई जा रही है। अब तक तीन कार्यशाला सम्पन्न हो चुकी हैं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने इस अवसर पर कहा कि कुरुक्षेत्र गीता ज्ञान की नगरी है श्रीमद्भागवत गीता केवल मृत्यु उपरांत या बैठकर सुनने का संदेश नहीं है बल्कि गीता जीवन जीने की कला है यह एक सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है अगर व्यक्ति भगवत गीता के आधार पर जीवन जीता है तो वह चिंता, शोख, तनाव, भय व अन्य शारीरिक विकारों से निजात पा सकता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में मानव कल्याण में कारगर पद्धति साबित हो सकती है अगर भावी चिकित्सक इसे डिग्री प्राप्त करने का माध्यम न समझकर आयुर्वेद की गहराई को समझें। इसका कार्यभार शिक्षकों के कंधे पर है। आज जगह-जगह वेलनेस सेंटर खुल रहे हैं, जिसका आधार स्वस्थवृत विभाग है। आहार-विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या एवं रात्रिचर्या यह जीवन का सार है जो आयुर्वेद के विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही पढ़ाया जाता है जो इस विषय को नहीं जानता वह एक अच्छा चिकित्सक कभी नहीं बन सकता। इसलिए शिक्षकों को भी शिक्षण अधिगम प्रणाली में सुधार करते हुए जिओ आयुर्वेद के मूल सिद्धांत अनुसार विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा किन्तु पहले अध्यापकों को रॉल मॉडल बनना होगा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ बीएचयू स्वस्थवृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मंगलम गौरी वीराव और दिल्ली टीबीए कॉलेज स्वस्थवृत विभाग की सहायक प्रो. डॉ. शिल्पा मौजूद रही। जिन्होंने शिक्षण पद्धतियों की बारीकियों से शिक्षकों को अवगत कराया। कार्यशाला के अन्त में स्वस्थवृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा द्वारा सभी का धन्यवाद प्रकट किया गया। इस अवसर पर सहायक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र सहरावत, योग विभाग की विभागा डॉ. शीतल सिंगला, डॉ. मोहित आदि उपस्थित रहे।