नहाय-खाय के साथ तीज शुरू, निर्जला व्रत आज
फारबिसगंज (अररिया)से मो माजिद
- अखंड सुहाग का प्रतीक हरितालिका तीज गुरुवार को मनाया जाएगा। इसकी विधिवत शुरुआत बुधवार की सुबह नहाय -खाय के साथ हो गया। सुहागिन महिलाएं तालाब में स्नान कर विधि-विधान के साथ भोजन बनाकर ग्रहण कीं। पति की लंबी उम्र की कामना का यह पर्व इस बार विशेष मुहूर्त लेकर आया है।बुधवार को फल के दुकान सहित अन्य बाजार में महिलाओं की खूब भीड़ देखी गयी। साड़ी से लेकर श्रृंगार व पूजा की सामग्री महिलाएं खरीद रही थी। महिलाएं आवश्कता के अनुसार सामान की खरीदारी कर रही थी दिनभर निर्जला उपवास रहकर शाम में पूजा अर्चना करती हैं।
हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार हरितालिका तीज पर 14 साल बाद रवि योग चित्रा नक्षत्र के कारण बन रहा है।सुखमय दांपत्य जीवन की कामना का व्रत है हरितालिका तीज। यह पर्व पति और पत्नी के मधुर रिश्तों को आध्यात्मिक स्वरूप देता है। पति-पत्नी वह इकाई है जहां से परिवार की रचना शुरू होती है। उनकी जिम्मेदारियों पर परिवार का भविष्य टिका होता है। यही कारण है कि विवाहिताएं इस पर्व को अनिवार्य रूप से करती हैं तथा दिनभर निर्जला उपवास रहकर शाम में पूजा अर्चना करती हैं।
महिलाएं सोलह ऋंगार कर करती हैं पूजा
तीज व्रत की पूजा विवाहित महिलाएं सोलह ऋंगार कर करती हैं। पर्व की खरीदारी से लेकर पूजा की व्यवस्था तक में पति की अहम भूमिका रहती है। पूजा के दौरान घर का वातावरण स्वच्छ, पवित्र और भक्तिमय हो जाता है।