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बगल के मकानों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने रोकी ध्वस्ती करण की कार्यवाही।
रिपोर्ट नीतीश जायसवाल
सगड़ी आजमगढ़
तीन बजे रात्रि तक चलती रही कार्यवाही।
अगल बगल के दो मकानों को पहुंची क्षति।
आज़मगढ़। सगड़ी जीयनपुर नगर पंचायत में गुरुवार को आजमगढ़ मार्ग पर पूरब तरफ माफिया डॉन ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह जो जनपद का टॉप टेन अपराधियों में शुमार है और आजमगढ जेल में बंद है। उसके तीन मंजिला मकान पर पुलिस प्रशासन द्वारा ध्वस्ती करण की कार्रवाई शुरू की गई जो लगभग रात्रि को 3:00 बजे तक चलती रही पर इस कार्रवाई में कई बार व्यवधान आया।
पहले जब 2:00 बजे मकान के धवस्ती करण की कार्रवाई तीन जेसीबी मशीनों से शुरू की गई तो मजबूत मकान का हिस्सा तोड़ने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उसके उपरांत लगभग 5:00 बजे जिले से एक पोकलैंड मशीन मंगाई गई उसके बाद कार्रवाई शुरू हुई पर 2 घंटे बाद लगभग 7:30 बजे पोकलैंड मशीन खराब हो जाने के कारण पुनः लगभग 12:00 बजे जब दूसरी पोकलैंड मशीन पहुंची तो कार्रवाई तोड़फोड़ की पुनः शुरू हुई पर प्रशासन ने उक्त कार्रवाई को वही रोक दिया। कारण की उस तीन मंजिला इमारत के उत्तर में मकान स्व0 कर्नल मुस्तशाद अहमद खां की है
जबकि दक्षिण तरफ राजलक्ष्मी पत्नी स्वर्गीय लल्लन मोदनवाल की सौंदर्य प्रसाधन एव सास बहू साड़ी शोरूम की दुकान की दीवाल व पिलर भी बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गयी। जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे और भारी नुकसान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उक्त मकान की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोक दिया। जबकि शाम तक यह था कि पूरे मकान को ध्वस्त कर दिया जायेगा पर प्रशासनिक अमला की आनन-फानन में की गई कार्रवाई की वजह से पूरे मकान को ध्वस्तीकरण नहीं किया जा सका।
जिससे की उक्त तीन मंजिला मकान को 117 वर्ग मीटर जिसमें कुल 18 दुकानें बनाई गई है। जिसको गिराना था पर कुछ हिस्सा पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करके प्रशासन द्वारा छोड़ दिया गया।ऊपर से प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को मकान का नक्शा बनने के बाद मकान नक्शे के विपरीत बनाया गया है। जिस पर टाउन एरिया प्रशासन द्वारा उक्त कार्यवाही की गई है। जबकि प्रशासन में एडीएम प्रशासन नागेंद्र प्रताप सिंह,एस पी ग्रामीण सिद्धार्थ,तहसीलदार सगड़ी बृजेंद्र उपाध्याय, उपजिलाधिकारी सगड़ी अरविंद कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी सगड़ी अजय कुमार यादव सहित दर्जनों थाना की फोर्स व पी एस सी पूरी रात तैनात रही लोगों को दूसरे दिन भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कियें जाने की आशंका थी।पर प्रशासन ने अन्य खतरे को देखते हुए पूरी कार्रवाई को रोक दिया और प्रशासन की मंशा ध्वस्तीकरण की धरी की धरी रह गई।