- शहादत दिवस मनाया गया खिरिया बाग में
- शहीद ए आजम भगत सिंह व उनके साथियों की इंक़लाबी विरासत को याद किये खिरिया बाग के आंदोनकारी
खिरिया बाग(कप्तानगंज)आजमगढ़।जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ162वें दिन खिरिया बाग (जमुआ हरिराम)में जारी रखा।शहीद-ए-आजम भगतसिंह,राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस के 92वें वर्षगांठ पर आंदोलनकारीयों ने गांव-गांव जुलूस निकाला और धरने में जनसभा किया।जुलूस में भगत सिंह ने दी आवाज-बदलो बदलो देश समाज,भगत सिंह को याद करेंगे-जुल्म नहीं बर्दाश्त करेंगे,भगत सिंह को याद करो,नई क्रांति की राह चुनो,उठो जवानों आगे आओ-शोषण मुक्त समाज बनाओ,जीना है तो मरना सीखो,कदम कदम पर लड़ना सीखो, एयरपोर्ट का विस्तार बहाना है-जमीन लूट निशाना है,एयरपोर्ट विस्तारिकरण का मास्टर प्लान वापसी का लिखित शासनादेश सार्वजनिक करो,अडानी-अंबानी से यारी,मजदूर-किसानों से गद्दारी नहीं चलेगी,कौन बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान,जमीन हमारी आपकी-नहीं किसी के बाप की,यह जंग जीतेंगे अबकी बार-ये ऐलान हमारा है आदि नारें गूंजते रहे।धरने को किसान नेताओं और महिलाओं व सांस्कृतिक कर्मियों ने अपने सम्बोधन को गीतों व भाषण के माध्यम से प्रस्तुत किया।
162वें दिन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि खिरिया बाग का आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों की विरासत को मंजिल तक पहुंचाएंगे।शहीदे आजम भगतसिंह व उनके साथियो का सपना आज भी अधूरा है।देश की जनता आज भी मूलभूत बुनियादी जरूरतों से महरूम हैं।पूंजीवादी-साम्राज्यवादी देशों के पक्ष में उदारीकरण,निजीकरण और वैश्वीकरण की जनविरोधी नीतियों को लागू करके देश को पुनः गुलामी की ओर ढकेला जा रहा है।सार्वजनिक सरकारी संस्थाओं,जमीन,खादानों को औने-पौने दामों पर कारपोरेट निजी हाथों में सौंपकर पुनः शहीदों के सपनों को कुचला जाता है। 14फरवरी2023को एस.डी.एम.सगड़ी ने मौखिक रुप से कहा था कि सरकार आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना रद्द कर चुकी है।लेकिन आज एक माह तक हो गये ,कोई लिखित शासनादेश नहीं दिया गया।इसके पीछे सरकार का विश्वासघात छिपा नजर आ रहा है। सरकार कारपोरेट पूंजीपतियों को मित्र मानती आ रही है,इसलिए किसानों,मजदूरों को धोखा देने ,झूठ बोलने में शर्म नहीं कर रही। महंगाई,भ्रष्टाचार,बेरोजगारी,काला धन आदि पर चुनाव जीतने से पहले भी मोदी सरकार ने जनता को लुभाने के लिए ढेरों वादे किये थे,जो आज झूठे साबित हो चुके हैं।देश के तथाकथित राजनेताओं के झूठे वादों से जनता अजिज हो चुकी है।ऐसे में शासन-प्रशासन के मौखिक आश्वासन को भी एक सफेद झूठ माना जाना चाहिए। ऐतिहासिक किसान आंदोलन के साथ लागातार धोखा,वादा खिलाफी सरकार करती आ रही है। संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा पूरे देश में इस जमीन,खेती लूट के खिलाफ आंदोलन तेज करेगा।हालिया 20 मार्च को दिल्ली किसान महापंचायत में खिरिया बाग के किसान-मजदूर की आवाज उठाई गई ।खिरिया बाग आंदोलन में स्थानीय जन भागीदारी बढ़ाकर सामूहिक रुप से चलने वाले धरने को चलाने की कोशिश जारी है। कहा गया कि देश में बुनियादी समस्या जैसे- रोटी ,कपड़ा ,मकान, शिक्षा , चिकित्सा के साथ-साथ जमीन-मकान के अधिग्रहण के सवाल से भटकाने की राजनीति को किसान-मजदूर भी समझने लगा है। मेहनतकश वर्ग यह भी समझता है कि जाति-धर्म के गड़े मुर्दे को उखाड़कर देश में कैसे गंदी राजनीति का जहर फैलाया जा रहा है और जनता को भटकाया जा रहा है। अपने संवैधानिक, लोकतांत्रिक मूल्यों से जब आज का किसान,मजदूर लैश होने लगता है तो कुछ तथाकथित राजनेताओं को इसमें राजनीति दिखाई देने लगती है।
खिरिया बाग आंदोलन मिशन 2024के तहत केंद्र में बैठी सरकार की नींद हराम कर देगी।
खिरिया बाग की लड़ाई जाति,धर्म से ऊपर उठकर जनता के बीच सामूहिक भावना के साथ जमीन बचाने की भावना ही नहीं देश बचाने की भावना को बढ़ाया है । खिरिया बाग की लड़ाई देश बचाने की लड़ाई बन चुकी है। आजमगढ़ एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मास्टर प्लान वापस होने का लिखित शासनादेश मिलने से पहले यह रुकने वाला नहीं।
धरने को डा.रविंद्रनाथ राय,इंद्रासन,विनोद सिंह,अंजली,नरोतम यादव,रामाज्ञा यादव,विजेंद्र सेनानी,संदीप,राहुल विद्यार्थी, रामकुमार यादव,दुखहरन राम,नरोतम यादव,राजेश आज़ाद,अरविंद भारतीय,अवधेश यादव,महेंद्र राय,हरिहर,मुराली,अशोक यादव,नीलम,अजित,नागेंद्र ,फूलमती,सुशीला,कालिंदी,किश्मती,रविंद्र यादव,मटरू गायक,गणेश राव,शिवमूरत यादव,नीलम,सुशीला,साहबदीन बौद्ध,सुबेदार यादव,रामाश्रय यादव,नकछेद राय,कांशीनाथ यादव,अतुल,राजकुमार,जगन्नाथ, आदि ने संबोधित किया।
अध्यक्षता रामनयन यादव व संचालन राधेश्याम भारती ने किया।