आदि ब्रदी सरस्वती उदगम स्थल से होगा अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आगाज:धुम्मन।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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14 से 16 फरवरी तक मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव, 14 फरवरी को आदि बद्री से होगा महोत्सव का शुभारम्भ, 15 फरवरी को गीता निकेतन स्कूल में होगा अंतरराष्ट्रीय सैमिनार, 16 फरवरी को पिहोवा में होंगे कार्यक्रम और सांध्यकालीन आरती के साथ सम्पन्न होगा महोत्सव।
कुरुक्षेत्र 11 फरवरी :- हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आगाज 14 फरवरी को आदि बद्री सरस्वती उदगम स्थल से होगा। इस स्थल पर शुभाम्भ अवसर पर 21 कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन होगा और इस हवन यज्ञ में लोग अपने परिजनों के साथ शिरकत कर सकेंगे। इस महोत्सव को लेकर 15 फरवरी को कुरुक्षेत्र में सैमिनार और 16 फरवरी को पिहोवा में कार्यक्रम होंगे। इन सभी कार्यक्रमों को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही है।
उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने वीरवार को बातचीत करते हुए कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आदि बद्री और कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष इस महोत्सव पर 14 फरवरी से 16 फरवरी तक कार्यक्रम होंगे, 14 फरवरी को आदि बद्री में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का विधिवत रुप से आगाज किया जाएगा। इस उदघाटन समारोह में भी 21 कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन होगा, 15 फरवरी को गीता निकेतन आवासीय स्कूल के सभागार में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सैमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस सैमिनार में अधिकतर वक्ता वर्चुअल रुप से जुड़ेंगे और कोविड 19 की गाईडलाईंस की पालना भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के समापन अवसर पर पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर सुबह के समय 21 कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। हवन यज्ञ के बाद सरस्वती तीर्थ पर ही 27 नक्षत्रों पर आधारित पौधे भी लगाए जाएंगे। इस पौधोरोपण में सभी मेहमान शामिल किए जाएंगे। इस पौधारोपण के बाद सरस्वती तीर्थ की परिक्रमा की जाएगी और सायं के समय भजन संध्या का आयोजन होगा। सरस्वती महोत्सव के समापन समारोह पर सरस्वती तीर्थ के पावन तट पर महाआरती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सरस्वती तीर्थ स्थल के आसपास साफ-सफाई और घाटों की मुरम्मत करने के आदेश दिए गए है और 13 फरवरी तक महोत्सव के सभी प्रबंध पूरे कर लिए जाए। इसके अलावा मंच सज्जा, तीर्थ पर लाईटिंग आदि की व्यवस्था भी पूरी की जाए।