मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र मानवीय मूल्यों और जीवन प्रबंधन की शिक्षाओ से परिपूर्ण हैं : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

मातृभूमि सेवा मिशन के तत्वावधान मे वी. आई. पी. कॉलेज ग्रुप आफ कॉलेज, ग्वालियर में श्रीरामचरित मानस में मानवीय जीवन मूल्य एवं जीवन प्रबंधन विषय पर व्याख्यान एवं जीवन संवाद कार्यक्रम संपन्न।

कुरुक्षेत्र 21 नवम्बर : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम विश्व संस्कृति के अप्रतिम महामानव हैं। वह उन सभी सुलक्षणों, सद्गुणों, शुभाचारों और धर्मों से युक्त हैं जो किसी महामानव में होने चाहिए। राजमहल में पैदा होकर भी सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले श्रीराम का जीवन, निश्चय ही सब के लिए प्रेरणीय और अनुकरणीय है। राम का सारा जीवन ही सन्देश है। राम के सभी कार्य विलक्षण और सत्य के पर्याय हैं। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने वी. आई. पी. कॉलेज ग्रुप आफ कॉलेज, ग्वालियर में श्रीरामचरित मानस में मानवीय जीवन मूल्य एवं जीवन प्रबंधन विषय पर आयोजित एक व्याख्यान एवं जीवन संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती एवं भगवान श्रीराम के चित्र के समक्ष कार्यक्रम के समस्त अतिथियों एवं वक्ताओं ने संयुक्त रूप से माल्यार्पण, पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलन से किया। इस व्याख्यान एवं जीवन संवाद कार्यक्रम मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की ग्वालियर , मध्यप्रदेश इकाई द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र का वी. आई.पी. एस. ग्रुप आफ कॉलेज द्वारा बहुत ही आत्मीय भाव से स्वागत एवं अभिनन्दन हुआ। विद्यार्थियों एवं समस्त शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा श्रीरामचरितमानस एक ऐसा कालजयी अमृतधारा का महाकाव्य है जिसमें मानव जीवन की पूर्णता और विज्ञानधर्मिता का दिग्दर्शन जीवंत रूप में द्रष्टव्य होता है। संत तुलसीदास ने भगवान राम और महर्षि बाल्मीकि ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के सम्पूर्ण जीवन चरित के माध्यम से मानव को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त कराने में सहायक मानव मूल्यों का वर्णन आदर्श ज्ञानमयी, भक्तिमयी और कर्ममयी धारा में किया है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र मानवीय मूल्यों और जीवन प्रबंधन की शिक्षाओ से परिपूर्ण हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वी.आई. पी एस. ग्रुप आफ कॉलेज के चेयरमैन रामवीर जादौन ने कहा आज के भौतिकवादी युग में जहाँ सब कुछ धन बल और पद बल से तय होता है। जहाँ सारे सम्बन्ध बाजार से तय होने लगे हैं ऐसे में रामचरितमानस का मूल्यवाद नई आशा की किरण लेकर आता है। कार्यक्रम के संयोजक इंडियन चैंबर्स ऑफ फार्मर्स के राष्ट्रीय सचिव अशोक शर्मा ने कहा संत तुलसी ने व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और विश्व स्तर पर मानव मूल्यों की महत्ता का वर्णन राम के माध्यम से किया है। कार्यक्रम को प्रसिद्ध पूरातत्वविद धीरेन्द्र शर्मा वी बतौर अतिविशिष्ट अतिथि सम्बोधित किया। कार्यक्रम में वीर रस के सुप्रसिद्ध कवि आकाश शर्मा एवं कवि विपिन सिंह तोमर ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद डा. वैभव सिंह तोमर ने किया। आभार ज्ञापन गौरव सिंह सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम में अनेक सामाजिक, धार्मिक संस्थाओ के प्रतिनिधि, शिक्षविद, समाजसेवी एवं विद्यार्थी समूह उपस्थित रहे।

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