बिहार:टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर संचालित विभिन्न योजनाओं की सिविल सर्जन ने की समीक्षा

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर संचालित विभिन्न योजनाओं की सिविल सर्जन ने की समीक्षा

  • राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्धारित विभिन्न सूचकांकों में सुधार का दिया आदेश
  • क्षेत्र भ्रमण करते हुए मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायें कर्मी
  • टीबी नोटिफिकेशन व स्फूटम जांच के लिये प्रखंडवार हुआ लक्ष्य का निर्धारण

अररिया संवाददाता

जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा को लेकर सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक आयोजित की गयी। जिला यक्ष्मा नियंत्रण केंद्र में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्धारित विभिन्न सूचकांकों पर विस्तृत चर्चा की गयी। इसमें राज्यस्तरीय रैकिंग में जिले का वर्तमान ट्रिटमेंट सक्सेस रेट महज 10 फीसदी पाया गया। जबकि संबंधित मामले में राज्य का औसत 69 फीसदी है। इसके अलावा विभिन्न सूचकांकों में कमतर प्रदर्शन पर चिंता जाहिर करते हुए इसमें सुधार को लेकर वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जरूरी दिशा निर्देश दिये गये। ताकि वर्ष 2025 जिले में टीबी रोग को पूरी तरह खत्म करने में किया जा सके। मौके पर सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, टीबी के नोडल पदाधिकारी डॉ मोईज, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, डीपीएम रेहान अशरफ, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह, जिला समन्वयक टीबी व एड्स दामोदर शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

हर सप्ताह करें मरीजों भौतिक सर्वेक्षण :

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने टीबी मरीजों की अद्यतन स्थिति का पता लगाने के लिये कर्मियों को हर सप्ताह मरीजों का भौतिक सर्वेक्षण का आदेश दिया। ताकि मरीजों के अद्यतन स्थिति का पता लगाया जा सके। ट्रूनेट मशीन के माध्यम से जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। इसमें जांच का निर्धारित लक्ष्य की तुलना में कम से कम 80 फीसदी उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। टीबी नोटिफिकेशन में आयी कमी पर बोलते हुए सीएस ने इसके अनुश्रवण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का निर्देश दिया। निजी चिकित्सकों से निरंतर संपर्क स्थापित कर इसमें सुधार की बातें उन्होंने कही। सीएस ने प्राइवेट स्तर पर टीबी नोटिफिकेशन के मामलों में वृद्धि को लेकर कई जरूरी दिशा निर्देश दिये।

जीपीएस लोकेशन के माध्यम से कर्मियों की उपस्थिति होगी दर्ज :

टीबी मरीजों की खोज प्रक्रिया को दुरूस्त करने के लिये सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने सभी लेब टेक्निशियन, टीबी सुपरवाइजर, एसटीएस, एसटीएलएस हर दिन वहाट्स एप के माध्यम से अपना जीपीएस लोकेशन साझा करेंगे। निर्धारित समय पर ऐसा नहीं किये जाने से कर्मी अनुपस्थित माने जायेंगे। टीबी के नोडल पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता में मरीजों के नोटिफिकेशन को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कर्मी नोटिफिकेशन के निर्धारित लक्ष्य हासिल करना सुनिश्चित करायें। नोटिफिकेशन के अररिया फारबिसगंज टीबी केंद्र को हर माह 100 नोटिफिकेशन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। शेष प्रखंडों में नेाटिफिकेशन की प्रक्रिया को तेज करने की बातें कही गयी। जिले को प्रतिमाह 250 सौ नोटिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है।

टीबी उन्मूलन के लिये है गंभीर प्रयासों की जरूरत :

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सरकार के महत्वकांक्षी योजना बताते हुए एसटीएस व एसटीएलएस को नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करते हुए मरीजों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर महीने सभी टीबी केंद्र को कम से कम 100 स्फूटम टेस्ट का लक्ष्य दिया गया है। तो वहीं फारबिसगंज व अररिया टीबी केंद्र के माध्यम से हर महीने 200 से 250 स्फूटम के जांच का लक्ष्य दिया गया है। सभी एलटी को जांच की संख्या में सुधार लाने के लिये खासतौर पर निर्देशित किया गया. डीपीएम ने टीबी को गंभीर संक्रामक रोग बताते हुए इसकी रोकथाम के लिये गंभीर उपायों को जरूरी बताया।

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