हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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दुष्ट व्यक्ति की संगति में अपयश ही प्राप्त होता है : स्वामी वेद पुरी।
पिहोवा :- शिवशक्ति पीठ आश्रम के स्वामी वेद पुरी जी महाराज ने बताया कि दुष्ट व्यक्ति की संगति हमेशा दुखदाई होती है। स्वामी जी ने एक संस्कृत के श्लोक के माध्यम से बताया कि अहो दुर्जनसंसर्गात् मानहानिः पदे पदे।
पावको लौहसंगेन मुद्गरैरभिताड्यते॥ भावार्थ – लोहा जब भी अग्नि के साथ रहता है, तब तब उसे घन से पीटा जाता है, उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति के संग रहने पर कदम कदम पर अपमान होता है।
स्वामी जी ने एक और उदाहरण देते हुए बताया कि राम चरित मानस में कहा भी गया है कि “बरु भल बास नरक कर ताता” दुष्ट संग जनि देइ विधाता। अर्थात –
ईश्वर भले ही नरक में निवास दे दें, परन्तु दुष्ट व्यक्ति का संग कभी न दें। स्वामी जी ने बताया कि दुष्ट व्यक्ति की तो परछाई भी माड़ी होती है। उन्होंने बताया कि यश कीर्ति के साथ साथ जन्मकुंडली के ग्रह भी अशुभ फल प्रदान करते है और जीवन नरक के समान हो जाता है।