हरिद्वार: हरिद्वार शराब कांड में जान गंवाने वाले ग्रामीणों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस ने बिसरा सुरक्षित रख लिए। पथरी से कब्जे में लिए अमरपाल, बिरमपाल, मनोज और अरुण के शवों का शनिवार दोपहर बाद पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट देर शाम आई। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया, मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
फूलगढ़ में हुए शराबकांड की पटकथा एक प्रधान पद की प्रत्याशी के पति ने लिखी थी। उसी ने ही तीन से चार माह पहले शराब की खेप तैयार की थी, जिसे वह दस दिन से मतदाताओं को बांट रहा था। पुलिस ने जमीन में दबाई खेप भी बरामद कर ली है। हालांकि उसने कच्ची शराब बनाने में परंपरागत तौर-तरीके ही प्रयोग करने का दावा किया है। अब जल्द ही प्रत्याशी पति की गिरफ्तारी संभव है।
शनिवार सुबह शराब पीने से मौत का मामला उछलने के बाद पुलिस ने प्रत्याशियों के पतियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया था, क्योंकि प्रारंभिक जांच में उनके शराब बांटने की बात आई थी। कई प्रत्याशी पति घंटों बाद पुलिस के हाथ आ सके। बारी-बारी से पूछताछ के बाद आखिरकार एक प्रत्याशी पति टूट गया।
वह बीते दस दिन से लोगों को शराब बांट रहा था। प्रत्याशी पति गांव में फर्जी डॉक्टर की दुकान चला रहा था। वह शहर के एक नामी अस्पताल में कंपाउंडर भी रहा है। उधर, डीएम की ओर से इस पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रीयल जांच बैठा दी गई है।
गांव के कई लोग अंतिम संस्कार कराना चाहते थे। इसी कारण लकड़ी लेकर शव ले जाने की तैयारी की थी। अंतिम संस्कार का सामान ट्रैक्टर में डाल दिया गया था। लेकिन, तब तक हरिद्वार पुलिस मौके पर आ गई।
ईशम और तेजपाल की मौत के बाद भी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी नहीं माने। शनिवार को तीन प्रत्याशियों ने धड़ल्ले से शराब बांटी। एक व्यक्ति को तीन तीन नेताओं के करीबियों ने शराब दिलवाई। दो मौत के बाद यदि प्रत्याशी संभल जाते तो शायद चार जिंदगियां दम न तोड़ती। तेजपाल (55) पुत्र रामसिंह निवासी फूलगढ़ और ईशम (32) पुत्र राजिंदर निवासी शिवगढ़ ने गुरुवार रात को शराब पी थी। क्योंकि, इस दिन नामांकन करने के बाद गांव में जश्न का माहौल था।
शराब देने के लिए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ था, जिससे शराब की बुकिंग की जाती है। एक बारी में 10 लोगों को शराब देने के लिए बुलाया जाता। चुनिंदा लोगों को ही घरों पर डिलीवरी दी जाती। महिलाओं के विरोध के कारण घरों में शराब नहीं दी जाती। फूलगढ़ गांव के निवासी एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रत्याशियों ने शराब बांटने के लिए एक ग्रुप बनाया, जिसमें मैसेज किया जाता और लोगों को शाम को बुलाया जाता।
कच्ची शराब पीने से ग्रामीणों की मौत होने के मामले में पथरी थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। महिला एसआई प्रीति गुसाईं की तरफ से तहरीर दी गई थी। इनकी हुई मौत: बिरमपाल (60) पुत्र बलजीत, अरुण (40) पुत्र चंद्रभान, राजू उर्फ राजबीन (45) पुत्र सेवाराम, अमर पाल (36) पुत्र गोपाल, तेजपाल (55) पुत्र राम सिंह और ईशम (32) पुत्र राजिंदर निवासी हरिद्वार।
पथरी क्षेत्र में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति की जान सबसे बढ़कर है, इससे मूल्यवान कुछ नहीं। इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। आबकारी निरीक्षक सहित विभाग के नौ कार्मिकों को निलंबित भी कर दिया गया गया है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री