बिहार:जन सहभागिता से ही फाइलेरिया का उन्मूलन संभव : संजय कुमार सिंह

जन सहभागिता से ही फाइलेरिया का उन्मूलन संभव : संजय कुमार सिंह

  • एमडीए में 90 फ़ीसदी कवरेज जरुरी: डॉ. नीरज ढींगरा
  • जिलेवासियों को फाइलेरिया से सुरक्षित करना और इसके लिए जागरूक करना है मुख्य उद्देश्य

कटिहार संवाददाता

फाइलेरिया या हाथीपाँव उन्मूलन के लिए एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) राउंड का बेहतर कवरेज जरुरी है। बिहार में 20 सितम्बर से 14 दिनों के लिए एमडीए राउंड चलाया जाएगा, जिसमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए राउंड के प्रभावी क्रियान्वयन के जरिए फाइलेरिया को खत्म किया जा सकता है। राज्य के 22 जिलों में मुख्य रूप से एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसमें कटिहार भी शामिल है। फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन पर मंगलावर को आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक का आयोजन संजय कुमार सिंह, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार की अध्यक्षता में किया गया जिसमें जिला स्वास्थ्य विभाग के फाइलेरिया और कालाजार कार्यक्रम से सम्बंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लाभार्थियों को स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवायें का सेवन करायें, क्योंकि हमें दवा खिलाना है बांटना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि एमडीए राउंड के लिए व्यापक प्रचार प्रसार की अत्यंत आवश्यकता है, जिससे समुदाय में फाइलेरिया रोधी दवाओं के प्रति विश्वास बढ़ेगा। इसके विषय में हमें फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी जागरूक करने की जरूरत है, ताकि वह आम लोगों को दवा सेवन के महत्व को समझा सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रखण्ड स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को आशा एवं एएनएम के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की जरूरत होगी। इससे किसी भी समुदाय स्तरीय कार्यक्रम को सफल किया जा सकता है।

दो फाइलेरिया जागरूकता वैन किया गया रवाना:
संजय कुमार सिंह, कार्यपालक निदेशक, डॉ. नुपुर एवं डॉ. छवि ने संयुक्त रूप से मंगलावर को एमडीए राउंड एवं फाइलेरिया पर आम जागरूकता बढ़ाने के लिए दो जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, भारत सरकार, के निदेशक डॉ. नीरज ढींगरा ने कहा कि यदि 90% लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित कर लें तो राज्य से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है। डॉ. ढींगरा ने कहा कि कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच भी हम फाइलेरिया जैसे गंभीर रोगों से लोगों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार सरकार एवं सहयोगी संस्थानों के सहयोग से फाइलेरिया को बिहार से उन्मूलन कर एक नयी मिसाल पेश की जा सकती है।
राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, भारत सरकार, के अपर निदेशक डॉ. नुपुर रॉय ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन में एमडीए की भूमिका महत्वपूर्ण है। फाइलेरिया के नए मामलों नहीं होने देना एवं फाइलेरिया मरीजों में मोरबीडीटी प्रबंधन पर ध्यान देना फाइलेरिया उन्मूलन के दो मजबूत स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में जीरो हाइड्रोसील का लक्ष्य काफ़ी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए सभी जिलों को एक निर्धारित कार्ययोजना के तहत कार्य करने की जरूरत है।
वहीं निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार सरकार डॉ. नवीन ने कहा कि फाइलेरिया के कारण हाथीपाँव की स्थिति होना काफी दुखद होता है। इसकी रोकथाम के लिए एमडीए मील का पत्थर साबित हो सकता है। मिशन एवं रिसर्च मोड पर कार्य करते हुए फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है।

राज्य के 6 जिलों होगा ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे:
राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, भारत सरकार, की संयुक्त निदेशक डॉ. छवि पंत ने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण पिछले वर्ष एमडीए राउंड नहीं हो सका। इस वर्ष 20 सितम्बर से राज्य के 22 जिलों में एमडीए राउंड शुरू की जा रही है। अभियान की सफ़लता के लिए लाइन लिस्टिंग, नाईट ब्लड सर्वे एवं आशाओं का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से ही एमडीए राउंड चलाया जा रहा है। इसे देखते हुए भारत सरकार द्वारा बिहार के 6 जिलों में ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे(टास) भी किया जाएगा जिसमें अरवल, गया, खगड़िया, भोजपुर, कटिहार एवं पूर्णिया जिले शामिल होंगे। टास के जरिए यह पता करना आसान होगा कि किस क्षेत्र में फाइलेरिया का प्रसार खत्म हो चुका है या किस क्षेत्र में अभी भी एमडीए राउंड चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि किसी जिले में एमडीए राउंड चलाने की जरूरत खत्म होती है तब केंद्र सरकार के द्वारा ऐसे जिले को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
इस दौरान एमडीए राउंड पर राज्य स्तरीय पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया गया। जिसमें बताया गया कि राज्य में दिसम्बर 2020 तक राज्य में हाथीपाँव के 1.25 लाख एवं हाइड्रोसील के 46360 केस थे। साथ ही एमडीए राउंड की सफलता के लिए माइक्रो प्लानिंग, मॉनिटरिंग एवं सुपरविजन, डेली इवनिंग मीटिंग एवं मिड कोर्स रिव्यु पर विस्तार से जानकारी दी गयी।
साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर, पीसीआई, जीएचएस, चाई एवं पाथ जैसे सहयोगी संस्थानों ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में हुए प्रगति से लोगों को अवगत कराया। इस दौरान राज्य के 22 जिले जहाँ एमडीए राउंड चलाया जाना है वहाँ के संबंधित अधिकारीयों ने भी पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा जिला स्तर पर की जा रही तैयारी के बारे में जानकारी दी।

जिलेवासियों को फाइलेरिया से सुरक्षित करना और इसके लिए जागरूक करना है मुख्य उद्देश्य : डीएमओ

समीक्षा बैठक में शामिल जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) डॉ. जे.पी. सिंह ने कहा कि विशेष एमडीए कार्यक्रम द्वारा जिलेवासियों को फाइलेरिया की बीमारी सुरक्षित करना और लोगों को इसके लिए जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 1968 फाइलेरिया ग्रसित मरीज पाए गए हैं जबकि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा और फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की खोज की जा रही है।

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