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पिता बच्चे को सभ्य बनाने के साथ ही उसके भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाता है।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कृषि वैज्ञानिक एवं उनके शिक्षाविद बेटे ने मनाया फादर्स डे।
कुरुक्षेत्र, 18 जून : कहते है कि दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे बड़ा होता है। मां बच्चे को जन्म देती है, उसे बड़ा करती है। लेकिन एक पिता बच्चे को सभ्य बनाने के साथ ही उसके भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाता है। यह विचार कुरुक्षेत्र में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह के पुत्र डा. वी. एस. रघुवंशी ने व्यक्त किए।
डा. रघुवंशी ऐसे वरिष्ठ शिक्षाविद हैं जिन से शिक्षा ग्रहण कर अनेकों विद्यार्थी डाक्टर बन कर चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों की सेवा कर रहे हैं। डा. रघुवंशी ने फादर्स डे के अवसर पर अपने पिता से आशीर्वाद लिया और उन्हें शुभकामनाएं देते हुए मिठाई से मुंह मीठा किया। उन्होंने कहा कि बच्चे के जीवन में पिता का रोल मां जितना ही है। पिता त्याग और समर्पण का उदाहरण है। एक पिता ही बच्चे को समाज की हर बुराई से बचाता है। पिता बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद संघर्ष करते हैं। उनके भविष्य को संवारने के लिए दिशा निर्देश करते हैं।
डा. रघुवंशी ने कहा कि मां तो मातृत्व न्योछावर कर देती है लेकिन बच्चे को सही मार्ग दिखाने के लिए पिता को कठोर बनना पड़ता है। पिता अक्सर बच्चे के प्रति उस तरह का प्यार जता नहीं पाते, जैसे मां जताती हैं लेकिन बिना दिखाए या जताए जीवन भर की खुशियां बच्चे को देने का काम एक पिता ही कर सकता है। पिता के इसी प्रेम, त्याग को सम्मान देने के लिए दुनिया के तमाम देशों में फादर्स डे मनाया जाता है।
शिक्षाविद डा. वी. एस. रघुवंशी अपने पिता कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह के साथ।