![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2022/09/IMG-20220917-WA0028-1024x766.jpg)
मेहनगर कस्बे में मनाया गया धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा जयंती का पर्व
मेहनगर कस्बे में विश्वकर्मा पूजा समिति के अध्यक्ष जयप्रकास विश्वकर्मा की अध्यक्षता में आज हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा जयंती का पर्व मनाया गया जिसमें विश्वकर्मा समाज के लोग अपने अपने घरों में बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मनाया और मनोकामना पूर्ण करने की मन्नत मांगी इस दौरान विश्वकर्मा पूजा समिति अध्यक्ष जयप्रकाश ने बताया कि पौराणिक काल के सबसे बड़ी सिविल इंजीनियर माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है और यह लगभग प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को ही होती है। इस साल भी 17 सितंबर को ही कन्या संक्रांति है और इसी दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती हैं। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। आइए आपको बताते हैं विश्वकर्मा जयंती का महत्व और क्यों कलयुग में इनकी पूजा करनी मानी जाती है विश्वकर्मा जयंती सभी कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है। मान्यता है तकनीकी क्षेत्र से जुड़े जो भी लोग हर साल विश्वकर्मा जयंती पर अपने औजारों और अस्त्रों की पूजा करते हैं, पूरे साल उनके हथियार और औजार बिना किसी बाधा के अच्छी तरह से काम करते हैं।