डेहरी: लाक डाउन के कारण चौपट हो रहा है हजारों बच्चों का भविष्य

प्रखंड के 124 स्कूलों मे पढते है 34000 बच्चे

बच्चों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है दुरदर्शन की पढ़ाई

डेहरी संवाददाता ।कोरोना वायरस की महामारी लॉक डाउन को लेकर प्रखंड के 34000 छात्र-छात्राओं का भविष्य लगातार दूसरे वर्ष भी चौपट हो रहा है। परंतु इन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सुचारू करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है। कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार ने सभी भी सरकारी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। इसके तहत तत्काल प्रभाव से विद्यालयों को बंद कर दिया गया हैं और अभी तक विद्यालय बंद है। परंतु इन विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के भविष्य क्या होगा इसके लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है। जिससे बच्चे पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र में 124 प्राथमिक मध्य विद्यालय है जिसमें 34000 छात्र-छात्रा शिक्षा ग्रहण का कार्य करते हैं। परंतु विद्यालयों के बंद किए जाने के बाद यह बच्चे घर पर ही रह रहे हैं। पर उनकी पढ़ाई नहीं हो रही है। सरकार के द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें भी उपलब्ध कराई जाती थी पर महामारी को लेकर पिछले वर्ष से ही किताबें भी बच्चों को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस परिस्थिति में बच्चे शिक्षण कार्य से दूर हो गए हैं और अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। बच्चे बिना किताब के घर पर भी किया पढ़ेंगे।
लाभकारी नहीं है दूरदर्शन से पढ़ाई

राज्य सरकार के द्वारा लॉक डाउन की अवधि में सरकारी स्कूलों के छात्र छात्राओं के लिए दूरदर्शन पर पढ़ाई की व्यवस्था शुरू की गई है। यह बच्चों के लिए लाभप्रद साबित नहीं हो रहा है। गरीब परिवार के कई बच्चों के घरों में टेलीविजन नहीं है वही जिनके घर में टेलीविजन है वहां पढ़ाई के समय में बिजली गुल रही है। जिससे वह पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।

कहते हैं अभिभावक
सरकारी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के अभिभावक मोहन राम दिनेश पासवान बिगन प्रसाद चंद्रिका राम बघेली प्रसाद सुभाष कुमार ने बताया कि विद्यालय बंदी में का बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है । सरकार के द्वारा टेलीविजन पर पढ़ाई की व्यवस्था शुरू की गई है परंतु वह उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। झोपड़पट्टी एवं सलम एरिया में रहने वाले कई बच्चों के घरों में टेलीविजन नहीं है। जिनके घरों में टेलीविजन है तो पढ़ाई के समय में बिजली गुल रहती है। बच्चों की पढ़ाई के लिए जो समय का निर्धारण सरकार के द्वारा किया गया है उस समय पर टेलीविजन के अन्य चैनल फप बच्चे रूचि लेने लग रहे हैं। सरकार को बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध करानी चाहिए जिससे वह कम से कम घर पर ही बैठ कर पढ़ाई कर सकें।
कहते हैं अधिकारी
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी को लेकर सरकार के द्वारा विद्यालयों को बंद किया गया है। सरकार दूरदर्शन के माध्यम से भी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। जब तक सरकार का आदेश नहीं आता तब तक विद्यालय बंद रहेंगे।

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