बिहार:आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी डॉ पीयूष प्रभाजी सहवर्ती साध्वी वृंद के सानिध्य में विकास महोत्सव का भव्य कार्यक्रम सानंद संपन्न

आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी डॉ पीयूष प्रभाजी सहवर्ती साध्वी वृंद के सानिध्य में विकास महोत्सव का भव्य कार्यक्रम सानंद संपन्न

फारबिसगंज से मो माजिद

फारबिसगंज (अररिया)
तेरापंथ भवन में विराजित श्वेतांबर तेरापंथ के 11 वें आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी डॉ पीयूष प्रभाजी सहवर्ती साध्वी वृंद के सानिध्य में विकास महोत्सव का भव्य कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ। विकास महोत्सव में नेपाल बिहार झारखंड से 18 से अधिक सभा के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम की भव्य शुरुआत स्थानीय सभा के अध्यक्ष निर्मल जी मरोठी के द्वारा अध्यक्षीय वक्तव्य से हुई। स्थानीय महिला मंडल ने मंगलाचरण किया ।स्थानीय कन्या मंडल व ज्ञानशाला के द्वारा रोचक प्रस्तुति दी गई ।सुधा कुमारी जी ने गुरु तुलसी का गुणगान गीत के द्वारा की। तथा साध्वी भावना श्री जी ने तुलसी के साथ अनुभव को साझा किया। साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी ने विकास महोत्सव के बारे में फरमाते हुए कहा कि विकास महोत्सव गुरुदेव तुलसी के पटोत्सव की याद में मनाया जाता है। गुरुदेव तुलसी ने तेरापंथ समाज ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र को अपने अवदान दिए हैं। गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत, जैन जीवन शैली, समण श्रेणी जैसे अनेकानेक अवदान दिए हैं जिससे समाज नैतिकता की ओर प्रस्थान कर सके।
विकास महोत्सव की बहुआयामी कार्यक्रम का दूसरा चरण क्षमा याचना का र जिसमें 18 से 19 क्षेत्रों के प्रतिनिधि शाखा मंडल अररिया, भीम नगर, किशनगंज, नरपतगंज, गुलाब बाग ,निर्मली ,कटिहार, राघवपुर, खुस्कीबाग ,धमदाहा, बहादुरगंज ,दलखोला के अलावा अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु जन उपस्थित थे।नेपाल बिहार झारखंड श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा की अध्यक्षता में सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभा जी से खमत खामणा किया। खमत खावना की शब्दावली का उच्चारण नेपाल बिहार झारखंड स्तरीय श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष राज करणजी दफ्तरी द्वारा किया गया। खमत खामना शब्द तेरापंथ धर्म संघ का संस्कृति मूलक शब्द है जिसमे वर्ष भर की भूलों को याद कर क्षमा मांगी और दी जाती है ।
कार्यक्रम का तीसरा चरण मेधावी छात्र सम्मान के रूप में मनाया गया। तेरापंथ समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पीएचडी, इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइनर आदि-आदि डिग्री के धारक बच्चों को सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर अपने मंगल उद्बोधन के रूप में साध्वी श्री डॉक्टर पीयूष प्रभा जी ने कहा कि बच्चों में ऊंची शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक संस्कार भी जरूरी है तभी हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को जीवित रख पाएंगे।
कार्यक्रम का अगला चरण रहा तप अभिनंदन का।आज गुरुदेव की महती कृपा से पूरे नेपाल बिहार झारखंड में एकमात्र चातुर्मास साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी का फारबिसगंज को मिला है। सावन और भादो में पूरे चोखले से 19 ,17 ,15, 11, 9, 8 आदि तपस्या ओं का प्रत्याख्यान हुआ । नेपाल बिहार झारखंड से लगभग 60 से अधिक व्यक्तियों ने तप कर अपने कर्म निर्जरा की। इस अवसर पर नेपाल बिहार झारखंड स्तरीय श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा ने विभिन्न स्थान से पधारे तपस्वी गण को मोमेंटो प्रदान किया।
कार्यक्रम का अंतिम चरण रहा सेवा।
तेरापंथ धर्म संघ में सेवा का अलग ही महत्व है आचार्य, साधु संत के रास्ते की सेवा का जिम्मा मुख्यतः सभा का होता है। नेपाल बिहार झारखंड स्तरीय श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा ने रास्ते की सेवा का उल्लेखनीय कार्य किया है ।वर्ष भर में महीने भर से ज्यादा और अपने क्षेत्र में विराजित चरित्र आत्माओं के रास्तेकी सेवा का दायित्व बखूबी निभाया है। सेवा के कार्यक्रम का संयोजन श्रीमान कमल जी छोरिया ने किया ।अंत में सभा के मंत्री सुमन जी डागा ने बाहर से समागत सभी अतिथि गण तथा स्थानीय स्तर पर व्यवस्थापक ओं के प्रति सहयोग के लिए आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन संघगान के द्वारा हुआ। इस अवसर पर सभी को मंगल पाठ सुनाते हुए जूठन न छोड़ने की प्रेरणा दी।

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