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पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती में आने से बढ़ेगी महोत्सव की भव्यता : स्वामी ज्ञानानंद महाराज

गीता जयंती महोत्सव में जुड़ेंगे 50 देश,सभी देशों में कार्यक्रमों को आयोजित करने की कि जा रही है तैयारियां। श्लोकोच्चारण में शामिल होंगे 21 हजार विद्यार्थी, शिक्षा के साथ संस्कार और सामाजिक मूल्यों के लिए गीता जोड़ने का किया जाएगा आग्रह। लोगों की आस्था धर्मनगरी को देगी कुरुक्षेत्र धाम के रूप में पहचान, शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर गीता से संबंधित बनेंगे द्वार।

कुरूक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 19 नवंबर : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवम्बर को शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर कुरुक्षेत्र के नागरिकों में काफी उत्सुकता बनी हुई हैं। उसी उत्साह के साथ प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं। इस बार प्रधानमंत्री का आगमन अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की भव्यता को चार चांद लगाएंगा। उन्होंने कहा कि इस बार 50 से अधिक देशों को गीता जयंती समारोह के साथ जोड़ा गया है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज बुधवार को केडीबी के मानद सचिव के कार्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, केडीबी के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज सेतिया भी मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर परिसर में कुरूक्षेत्र के गौरव गीता जयंती महोत्सव-2025 का 15 नवम्बर से सरस व शिल्प मेले के साथ आगाज हो चुका हैं। इस मेले मे भारी संख्या में नागरिक आस्था, श्रद्घा, उल्लास और जश्न को मनाने पहुंच रहें हैं। इस उल्लास को राष्ट्रव्यापी रूप 24 नवम्बर से शुरू होने वाले मुख्य कार्यक्रमों के साथ दिया जाएगा।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि 24 नवंबर को मुख्य कार्यक्रमों के साथ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य भाव शुरू होंगे। ये मुख्य कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती का प्राण होते हैं, 24 नवम्बर से गीता सेमिनार आयोजित किया जाएगा, जिसमें अलग अलग देशों के संत महात्मा व शोधकर्ता भाग लेगें, जो अलग अलग विषयों पर किए गए मंथन, चिंतन और शोध पत्रों को प्रस्तुत करेंगे। इसी दिन गीता महायज्ञ किया जाएगा और एक भव्य सेमिनार भी आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार 26 नवम्बर को श्रीमद्भगवद्गीता कथा का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह 30 नवंबर को उपराष्ट्रपति कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर पर पहुंचेगें।
श्लोकोच्चारण में शामिल होंगे 21 हजार विद्यार्थी
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि इस बार गीता जयंती महोत्सव के कार्यक्रमों को 18 दिनों से बढ़ाकर 21 दिनों का किया गया हैं। ऐसे में गीता के श्लोकोच्चारण कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 21 हजार विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा, जबकि पिछले कई वर्षो से गीता श्लोकोच्चारण में 18 हजार विद्यार्थियों शामिल होते थे। इस कार्यक्रम में देश व विदेश के लाखों लोग लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से श्लोकों का उच्चारण करेंगे।
शिक्षा के साथ संस्कार और सामाजिक मूल्यों के लिए गीता जोड़ने का किया जाएगा आग्रह
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि आजकल बच्चों में संस्कार, एकाग्रता और आस्था की काफी कमी हैं। बच्चों परिवार और समाज से दूर होते जा रहें हैं। स्कूली स्तर पर ही इन सभी विषयों पर ज्ञान देने के लिए कुछ प्रयास किए जाने की जरूरत है। गीता ज्ञान संस्थानम की तरफ से सरकार को स्कूलों में शिक्षा के साथ संस्कार व सामाजिक मूल्यों को बच्चों में उत्पन्न करने के लिए गीता को जोड़ने के लिए आग्रह किया जाएगा। हम नहीं चाहते कि गीता के प्रति आस्था बढ़ाने के लिए अलग से विषय बने, लेकिन संस्कारों के लिए गीता के कुछ अंशों का मोर्निंग असेम्बली या अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को ज्ञान देना जरूरी हैं।
लोगों की आस्था धर्म नगरी को देगी कुरुक्षेत्र धाम के रूप में पहचान
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि विश्व स्तर पर गीता के प्रति, कुरुक्षेत्र के प्रति आस्था बढ़ती जा रही हैं। लगातार लोगों के जुड़ाव से वृंदावन धाम, अयोध्या धाम की तर्ज पर धर्म नगरी को भी कुरुक्षेत्र धाम की पहचान मिलेगी। कुरुक्षेत्र धाम के इस विजन को लेकर पहले ही गीता ज्ञान संस्थानम की तरफ से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, जो आने वाले समय में व्यापक स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।
शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर गीता से संबंधित बनेंगे द्वार
स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने कहा कि केडीबी के तरफ से कुरूक्षेत्र शहर में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों पर गीता से संबंधित द्वार तैयार किए जाएगें ताकि कोई भी नागरिक जब पिहोवा, कैथल, किरमच, अमीन, झांसा सहित अन्य किसी भी रास्ते से कुरूक्षेत्र नगरी में प्रवेश करे तब उसके अन्दर गीता भाव उत्पन्न हो। नेशनल हाईवे से प्रवेश करने पर बने हुए गीता द्वार को भी नए सिरे से और ज्यादा भव्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में शहर के सभी चौकों को गीता के साथ जोडक़र विकसित किया जा रहा हैं। इसके अलावा एक चौक को गीता चौक का नाम दिया जाएगा।

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