अम्बेडकर नगर:श्रवणधाम के पर्यटन मानचित्र पर निखरने की आस अधूरी

श्रवणधाम के पर्यटन मानचित्र पर निखरने की आस अधूरी

अंबेडकरनगर: सरकारों व जनप्रतिनिधियों की घोषणाओं के बाद भी आस्था का केंद्र श्रवणधाम तीन दशक बाद भी पर्यटन मानचित्र में स्थान हासिल नहीं कर सका। मातृ-पितृ भक्ति के प्रतीक श्रवण कुमार की पवित्र निर्वाण स्थली के कायाकल्प के लिए समय-समय पर लाखों रुपये की घोषणाएं होती रहीं। वर्ष 2012 में सरकार ने बुजुर्गों के लिए श्रवण यात्रा का शुभारंभ किया था। वक्त के साथ यह यात्रा बंद हो गई। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध अयोध्या धाम से इसकी दूरी 50 किमी है। अयोध्या से सीधा नाता होने के बावजूद इसका सुंदरीकरण कभी चुनावी मुद्दा नहीं बन सका।
पिछले चार-पांच साल में श्रवणधाम को संवारने पर 50 लाख रुपये का बजट तक अवमुक्त होने की घोषणा हो चुकी है। एक वर्ष पहले मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत शिलान्यास हो चुका है। पर्यटन विभाग ने सुंदरीकरण वादा किया था। वर्ष 1991 में एक लाख रुपये की सौगात से सुंदरीकरण कराया गया था। घोषणाओं के बाद समय-समय पर पर्यटन विभाग ने स्थलीय निरीक्षण एवं प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा, लेकिन बजट के इंतजाम में कायाकल्प होना बाकी है।
तीन नदियों का संगम : तमसा, बिसुही और मड़हा नदियों का श्रवणधाम में संगम होता है। श्रवण धाम दशकों से आस्था का केंद्र बना है। प्रतिवर्ष अगहन पूर्णिमा पर तीन दिवसीय अंतरप्रांतीय मेले का आयोजन होता है। देवोत्थानी एकादशी पर सप्तकोसी परिक्रमा व मेला लगता है। इन अवसरों पर विभिन्न प्रांतों व जिलों की दुकानें सजती हैं। श्रद्धालु तमसा के संगम में पुण्य के लिए डुबकी लगाते हैं।
जनप्रतिनिधि व सरकारें सिर्फ घोषणाएं ही करती हैं, लेकिन ये घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतरीं। श्रवणधाम के मंदिर तथा शवदाह स्थल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बदहाल है। विशेष अवसर पर निजी मद से रंगाई-पोताई व प्रसाद की व्यवस्था की जाती है।श्रवणधाम मातृ-पितृ की भक्ति का केंद्र है। इसकी उपेक्षा श्रद्धालुओं को दर्द देती है। इसके पर्यटन स्थल बनने से धाम श्रद्धालुओं व पर्यटकों को निश्चित ही अपनी ओर आकर्षित करेगा। इससे आमदनी में बढ़ोतरी भी होगी।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अम्बेडकर नगर :जाति-धर्म से हटकर टांडा की जनता चुनती अपना विधायक

Tue Feb 8 , 2022
जाति-धर्म से हटकर टांडा की जनता चुनती अपना विधायक अंबेडकरनगर : देश की आजादी के बाद प्रथम परिसीमन में टांडा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। मुस्लिम, दलित एवं कुर्मी बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में कभी हिदू-मुस्लिम का कार्ड नहीं चला। यहां हिदू महासभा और मुस्लिम मजलिस पनप नहीं सकी। जाति […]

You May Like

advertisement