उत्तराखंड:दुखद, कोरोना पीड़ित महिला को पति ने नही दिया खाना, पत्नी की हो गई मौत, पिता न्याय की आस में भटक रहा है

प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

कोरोना काल मे कई लोग इस बीमारी का ग्रास बने तो इस महामारी में कुछ लोग बिना किसी जान पहचान के लोगों की मदद में आगे आये और हर मुश्किल घड़ी में उन लोगों की मदद की जिनसे शायद उनका कोई रिश्ता न कोई जान पहचान थी लेकिन कुछ लोग अपनो की ही मदद करना तो दूर उनकी जान के दुश्मन बन गये। ऐसा ही  हैरान करने वाला एक मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आया है जहां एक पति ने अपनी पत्नी के कोविड पॉजिटिव आने के बाद न तो उसको खाना दिया और न इलाज,नतीजा ये कि महिला ने अपनी जान गवां दी ।महिला के घर वाले अब अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिये पुलिस के चक्कर काट रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

देहरादून के रहने वाले एक व्‍यक्ति पर अपनी कोरोना पीड़ित पत्‍नी का सही प्रकार इलाज न करवाने का आरोप लगा है, जिसकी वजह से उसका निधन हो गया. अब मृतका का पिता न्‍याय के लिए इधर उधर  भटक रहे है।मामले में महिला के मायके वाले अब पति समेत सभी ससुराल के लोगों के खिलाफ पुलिस  में शिकायत दर्ज करने के साथ दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

 
उत्तर प्रदेश के ललितपुर के रहने वाले प्रदीप सिंह सौरियाल ने अपनी पुत्री मृतका अदिति को न्‍याय दिलाने के लिए देहरादून पुलिस में एक एफआईआर दर्ज कर न्याय की  गुहार लगाई है. पुलिस के मुताबिक  देहरादून में नेहरू कॉलोनी में रहने वाले दीपक सिंह रौथान से प्रदीप सिहं की  बेटी अदिति की शादी 18 अप्रैल 2018 को हुई थी, औऱ उनका आरोप है कि  अदिति की मृत्यु उसके पति व सास-ससुर द्वारा कोरोना का इलाज न कराने के कारण हुई है.
मृतका अदिति के पिता के ये भी आरोप है कि  उन्‍होंने अपने पुत्री की शादी  इंजीनियर दीपक से 2018 में की थी और वह उस वक्‍त नोएडा में जॉब करता था. जबकि उनकी बेटी फूड कॉर्पोरेशन, मुंबई में काम करती थी. इस दौरान अदिति का मुंबई से नोएडा और दीपक का नोएडा से मुंबई आना जाना लगा रहता था. जिस कारण  2019 में अदिति ने अपने पति के कहने पर अपना ट्रांसफर दिल्‍ली करवा लिया और फिर दोनों नोएडा में रहने लगे. इस बीच 14 फरवरी 2021 को अदिति ने एक पुत्र को नोएडा में जन्म दिया था. इसके बाद अदिति ने ऑफिस से छुटी ले ली और दीपक उसे अपने पैतृक घर देहरादून ले आया. देहरादून में दीपक और उसके माता-पिता छोटी-छोटी बातों पर अदिति को प्रताड़ित करने लगे. मृतिका के पिता के मुताबिक, यह बात बेटी ने बताई थी, लेकिन  उसे समझाकर शांत कर दिया गया था।लेकिन मामला तब बिगड़ा जब  29 अप्रैल का अदिति की तबीयत खराब होने पर पता चला कि उसे कोरोना हो गया है. हालांकि इस दौरान दीपक ने उसे डॉक्‍टर को नहीं दिखाया. इसके बाद जब उसकी ज्‍यादा तबीयत खराब हुई तो उसे देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती करवाया, लेकिन उसने 20 मई को अस्‍पताल में ही दम तोड़ दिया. लड़की के पिता का आरोप है कि अस्पलात में भर्ती कराने से पहले दीपक और उसके घर वाले अदिति को खाना तक नहीं देते थे.

लड़की के पिता ने पुलिस को ये भी बताया कि अदिति ने व्हाट्सएप के सहारे अपनी बहनों को दीपक और उसके माता-पिता द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात कही थी. यही नहीं, परेशान होकर अदिति ने तलाक लेने का फैसला भी कर लिया था. अदिति को ऐसा लगने लगा था कि ससुराल वालों की वजह से शायद वह बच नहीं पाएगी, इसलिए उसने अपने नवजात शिशु को अपनी दीदी को सौंपने का फैसला कर लिया था. अदिति ने अपने व्हाट्सएप चैट पर इस बात का भी जिक्र किया था कि उसके ससुराल वाले उसे निपटाना चाहते हैं, कोविड की बिमारी तो एक बहाना है. हैरानी की बात ये है कि अदिति के बैंक अकाउंट का पूरा हिसाब किताब भी दीपक ही रखता था और जब अदिति अस्‍पताल में भर्ती थी, कई आरडी तुड़वाए जो मैच्योर नहीं हुए थे.
अब अदिति के पिता पुलिस से न्याय की आशा कर रहे हैं और लगातार पुलिस से कार्यवाही की मांग कर है जिससे उनकी बेटी को न्याय मिल सके और उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिल सके।अब देखने वाली बात ये होगी कि पुलिस इस मामले में कब तक कोई कार्यवाही करती है।

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