मां भगवती के दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व मारकंडेय पुराण से ही है : महंत जगन्नाथ पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में नवरात्रों के अवसर पर शुरू हुआ दुर्गा सप्तशती पाठ।
कुरुक्षेत्र, 15 अक्तूबर : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मन्दिर ठसका मीरां जी में नवरात्रों के अवसर पर बारह ज्योतिर्लिंगों पर अनुष्ठान के बाद ला कर मंदिर परिसर में स्थापित की गई अखंड ज्योति पर नवरात्र पूजन एवं दुर्गा सप्तशती प्रारंभ हुआ।
रविवार को सरहिंद से आए विजयंत एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मां भगवती के पूजन के उपरांत मंदिर में पवित्र शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया गया।
इसके साथ ही रविवार होने के कारण भगवान शंकर के प्रिय भक्त ऋषि मारकंडेय का भी पूजन एवं अभिषेक किया गया। यह पूजन अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न करवाया गया। नवरात्र पूजन के पहले दिन ऋषि मारकंडेय के महात्म्य और पूजन का महत्व बताते हुए महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि भगवान शंकर की शरण में ऋषि मारकंडेय को बाल रूप में अमरत्व प्राप्त हुआ। जो भी भक्त ऋषि मारकंडेय की शरण में आता है उसे भगवान की कृपा स्वयं ही प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि आज नवरात्र पूजन प्रारंभ हुआ है। मां भगवती के दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व भी मारकंडेय पुराण से ही है। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, अंजु शर्मा, रोहित चुघ, बिल्लू पुजारी, अशोक भारद्वाज इत्यादि भी मौजूद थे।
दुर्गा सप्तशती पाठ अवसर पर महंत जगन्नाथ पुरी एवं श्रद्धालु भजन करते हुए।