बिहार: एसआईओ के दिशा-निर्देश पर बैठक का किया गया आयोजन

एसआईओ के दिशा-निर्देश पर बैठक का किया गया आयोजन:

-आरोग्य दिवस पर लाभार्थियों को टीकाकृत करने को लेकर दिया बल:
-टीकाकरण की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से आरोग्य दिवस के दिन बढ़ चढ़ कर टीकाकृत करने की जरूरत: डीपीएम
-प्रशिक्षित एएनएम के माध्यम से कराया जाता है नियमित टीकाकरण कार्य: डीआईओ

पूर्णिया
राज्य टीकाकरण पदाधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा के दिशा-निर्देश के आलोक में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के सभागार में नियमित टीकाकरण एवं कोविड-19 टीकाकरण को लेकर जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक का अयोजन किया गया।
कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए नियमित रूप से होने वाले नियमित टीकाकरण की गति को बढ़ाने के लिए आरोग्य दिवस (शुक्रवार एवं बुधवार) को बढ़चढ़ कर लाभार्थियों को टीकाकृत करने की जिम्मेदारी ज़िले के सभी एमओआईसी, बीएचएम, एएनएम सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सौंपी गई है। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जा सके। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह, ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूनिसेफ़ की ओर से नियमित टीकाकरण के विभीषण झा, क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, चाई के वत्सल ढाका, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से जियाद्दीन, यूनिसेफ़ के एसएमसी मुकेश कुमार गुप्ता, डब्ल्यूएचओ के दिलीप झा, सीफार के डीपीसी धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी सहित ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के बीएचएम एवं डेटा ऑपरेटर सहित कई अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

-टीकाकरण की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से आरोग्य दिवस के दिन बढ़ चढ़ कर टीकाकृत करने की जरूरत: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कोविड-19 टीकाकरण की गति को बढ़ाने के लिए सभी बीएचएम एवं बीसीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से दिए जाने वाले नियमित टीकाकरण के साथ ही ख़ासकर आरोग्य दिवस (शुक्रवार एवं बुधवार) के दिन गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को शत प्रतिशत टीकाकरण करने के उद्देश्य से कार्य करने की आवश्यकता होती है। क्योंकि टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरू क करते हुए उसे टीकाकृत कर लक्ष्य को प्राप्त करना स्वास्थ्य विभाग ने अपनी पहली प्राथमिकताओं में शामिल किया है। नियमित टीकाकरण एक स्वस्थ्य राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कायर्क्रम है जो गर्भवती महिलाओं से आरंभ होकर नवजात शिशुओं को पांच वर्षो तक नियमित रूप से दिये जाते हैं । नियमित रूप से दिया जाने वाला टीकाकरण शिशुओं को कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाता है। शिशुओं को दिया जाने वाला टीका शिशुओं को कई अन्य तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित और मजबूती प्रदान करता है।

-प्रशिक्षित एएनएम के माध्यम से कराया जाता है नियमित टीकाकरण कार्य: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि ज़िले की सभी एएनएम को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिसके माध्यम से टीकाकरण कराना कार्य होना है। वहीं नियमित रूप से होने वाले टीकाकरण के फायदे, इसके रख-रखाव के तरीके, किस रोग में कौन सी टीके लगानी चाहिए, सुरक्षित इंजेक्शन एवं टीकाकरण के कचरे को निष्पादन करने से संबंधित प्रशिक्षण पहले ही दिया जा चुका है। वहीं नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर विस्तार से बताया जाता है ताकि किसी तरह से कोई परेशानी नहीं हो। गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशुओं को कई तरह के रोगों से बचाने के लिए पूर्ण रूप से नियमित टीकाकरण कराना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। बचपन में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सबसे बेहतर उपाय टीकाकरण है। इससे धन, ऊर्जा एवं जीवन की बचत होती तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में काफी सहायक भी होता है।

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