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ईश्वर के स्मरण मात्र से होता है पापों का नाश-आचार्य श्री सुनोराम द्विवेदी
■ भगबान श्री बांके बिहारी के जन्मोत्सव पर कान्हा की जीवंन्त झांकी देख भक्त हुए भाव बिभोर.
( जलालावाद/कन्नौज) क्षेत्र के गांव नदसिया स्थित संकट मोचन श्री हनुमान जी महाराज के मन्दिर पर चल रही सात दिवसीय श्री मद् भागवत कथा महा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं रुक्मिणी हरण की मार्मिक कथा का संगीतमयी वर्णन किया गया। पांण्डाल में मौजूद भक्त भगवान की पावन कथाओं का रसास्वादन कर भाव विभोर दिखे। आचार्यश्री ने बताया कि परमात्मा और जीव के मिलन का एक मात्र सहज समीकरण प्रेम है। प्रेम के द्वारा भगवान को हर हाल में प्राप्त किया जा सकता है । साथ ही पृथ्वी पर जव जव अत्याचार बढ़ता है तब भगवान को अपने भक्तों की रक्षा के लिये अबतार लेना पड़ता है ! तो बही आगे के प्रसंग में आचार्य ने भागवत कथा के आधार पर भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी के मिलन पर श्रोताओं को अपनी संगीत मयी वाणी से रसपान कराया ! साथ ही कहा कि प्रेम वह सूत्र है जिसके आगे बडे से बडा ज्ञानी और ज्ञान भी बिवस हो जाता है। इस दौरान कार्यक्रम के व्यावस्थापक डा० रामपाल द्विवेदी,अम्बिकेश शुक्ला,रामकुमार दुवे,पुष्पेन्द्र चौहान, बैजनाथ सिंह चौहान,संजय द्विवेदी,समेत कई लोग मौजूद रहे।