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हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : निर्जला एकादशी पर राहगीरों को ठंडा मीठा पानी बांटकर श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के अधिकारियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों ने दिया सेवा भाव का संदेश दिया। भीषण गर्मी के चलते आयुष विवि के अधिकारी व कर्मचारियों ने राहगीरों व वाहनों को रोककर यात्रियों को ठंडा शरबत पिलाया। छबील को सुबह से प्रारंभ कर दोपहर तक चलाया गया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन दान और सेवा का बड़ा महत्व होता है। अगर हम निर्जला उपवास करेंगे तो निश्चित रूप से जल की आवश्यकता और महत्व का पता चल जाएगा। व्यक्ति भोजन और वस्त्र के बिना रह सकता है। लेकिन जल और हवा के बिना जीवन असंभव है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि और मनीषी मात्र तपस्वी और त्यागी ही नहीं थे, उनके कुछ प्रयोगों, व्रत, उपवास और विधि व अनुष्ठानों से पता चलता है कि वे उच्च कोटि के दूरदृष्टा थे। इसलिए तो हमारे धर्म में ज्येष्ठ मास की भीषण गर्मी में निर्जला एकादशी का व्रत करने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन व्रत करने से समस्त एकादशियों का फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ मास में गर्मी अपने चरम पर होती है। मनुष्य से लेकर पशु-पक्षी और पेड़ पौधे सभी को जल की आवश्यकता होती है। देशभर में विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं द्वारा राहगीरों व वाहनों को रोककर यात्रियों की जल व फल से सेवा की जाती है। विश्वविद्यालय भी एक छोटा परिवार है। उसके द्वारा इस शुभ दिन पर जल की सेवा दी गई। आगे भी विश्वविद्यालय परिवार इसी प्रकार समाज सेवा के कार्यों में लगा रहेगा।