भागवत कथा का श्रवण करने से मन का शुद्धिकरण होता है : ब्रह्मरात हरितोष

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

जयराम विद्यापीठ में कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा।

कुरुक्षेत्र, 23 मई : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ में सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। कथा से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकली। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। कलश यात्रा के उपरांत व्यासपीठ पर मंत्रोच्चारण के साथ भागवत पुराण की स्थापना की गई। इस मौके पर यजमान राम चरण मित्तल, देवी राम मित्तल, सुरेश मित्तल, पवन मित्तल, राज मित्तल, राम विलास मित्तल, नरेश, त्रिलोक मित्तल एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने व्यासपीठ पर पूजन किया। कथा के पहले दिन 16 वर्षीय बाल व्यास ब्रह्मरात हरितोष (एकलव्य) महाराज ने व्यासपीठ से कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का वह भण्डार है। जो व्यक्ति का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर उसके बैकुण्ठ के मार्ग का प्रशस्त करती है। कथा की सार्थकता तभी है जब इसे हम अपने जीवन व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए जीवन को आनन्दमय व मंगलमय बनाकर आत्मकल्याण करें। उन्होंने कहा कि भगवान की लीलाएं अपरंपार है। भागवत कथा का श्रवण करने से मन का शुद्धिकरण होता है। इसलिए व्यक्ति को समय निकालकर कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए और बच्चों व युवाओं को संस्कारवान बनाकर कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर के. के. कौशिक, कुलवंत सैनी, राजेश सिंगला, श्रवण गुप्ता, सतबीर कौशिक, रोहित व यशपाल राणा इत्यादि भी मौजूद थे।

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