पलिया कला/दीपक श्रीवास्तव
जिला लखीमपुर खीरी के तहसील पलिया कलां के अंतर्गत ग्राम पढुआ में स्थित प्राथमिक विद्यालय का मामला। आपको बताते चलें कि विद्यालय परिसर की दीवारों के किनारे बनाये जाते हैं गोबर के कंडे जिम्मेदार मौन।
विद्यालय के आसपास लगा गंदगी का अंबार व विद्यालय की बाउंड्री वाली दीवार टूटी। शौचालय का गेट खोलने के लिए मीडिया कर्मियों को विद्यालय के इंचार्ज अभिनव चंद्रा ने किया मना। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय में है लचर व्यवस्था व शौचालय के अंदर लगा है गंदगी का अंबार। विद्यालय के रसोइयों में गैस ना होने के चलते रसोइयों ने बनाया लकड़ी से खाना।
मीडिया कर्मियों द्वारा रसोइयों से जानकारी लेने पर रसोइयों ने बताया 2 महीने से उपलब्ध नहीं है गैस।
विद्यालय के इंचार्ज साहब से जानकारी लेने पर इंचार्ज साहब ने बताया लकड़ी हमको सस्ती पड़ती है इसीलिए गैस का उपयोग नहीं करते हैं। सवाल यह खड़ा होता है कि योगी सरकार जब दे रही है गैस तो क्यों बनाया जाता है लकड़ी व ईंट के चूल्हे पर भोजन। गुलाबी गुलाबी नोटों के चक्कर में विद्यालय में तैनात शिक्षकों द्वारा गैस की बजाय रसोइयों द्वारा लकड़ी व ईंट के चूल्हे पर बनवाया जाता है भोजन जिम्मेदार मौन।
प्राथमिक विद्यालय पढुआ में तैनात शिक्षकों द्वारा सब पढ़े सब बढ़े अभियान की जमकर उड़ाई जा रही है धज्जियां। मीडिया कर्मियों ने मांगा अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर तो विद्यालय के इंचार्ज अभिनव चंद्रा ने किया मना स्पष्ट होता है कि सरकार से वेतन लेकर विद्यालय में रहते हैं अध्यापक अनुपस्थित और करते होंगे मौज मस्ती। सुबे के मुखिया योगी जी के वादों को शिक्षा विभाग के अध्यापक लगा रहे हैं पलीता।
पूरा मामला प्राथमिक विद्यालय पढुआ विकास क्षेत्र पलिया कलां जनपद लखीमपुर खीरी का है।