लखीमपुर खीरी/दीपक श्रीवास्तव
डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उ.प्र. जनपद शाखा-खीरी ने आज दिनांक 10.12.2021 को डॉ ए के कनौजिया की अध्यक्षता में दो घंटे कार्य वहिष्कार करते हुए आन्दोलन जारी रखा।
जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय क्षयरोग चिकित्सालय, पुलिस चिकित्सालय सहित केन्द्रीय औषधि भंडार, ड्रगवेयर हाऊस, एवं जनपद के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत फार्मेसी संवर्ग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रातः दो घंटे कार्य वहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
जिला चिकित्सालय खीरी में अपने सम्बोधन में डीपीए खीरी के वरिष्ठ नेता डॉ सहदेव सचान ने आन्दोलन को अधिक प्रभावी बनाने हेतु संघ के सदस्यों का उत्साह वर्धन करते हुए साहस पूर्वक आन्दोलन अनवरत जारी रखने की अपील की। और बताया कि फार्मेसिस्ट का पदनाम फार्मेसी अधिकारी किये जाने, विशेष कार्य अधिकारी का पदनाम सहायक निदेशक फार्मेसी किये जाने, प्रारम्भिक वेतन पीबी-3ग्रेड वेतन 4600 किये जाने तथा उच्च पदों पर वेतन मान संशोधित किये जाने ट्रामा सेंटर,ड्रग वेयर हाउस, तथा उपकेन्दों पर पदों का सृजन, चार्ज एलाउन्स जो मात्र 75 रुपए है जिसे 750रुपये, पोस्ट मार्टम भत्ता 100रु किये जाने आदि मॉंगे लम्बित है। कुछ पर सहमति बनने के बाद भी शासनादेश जारी न किया जाना तथा अन्य पर विचार न करना आदि के कारण हमें आन्दोलन करना पड़ रह है।हम स्वास्थ्य सेवाएं अवरूद्ध नहीं करना चाहते हैं परन्तु सरकार की उदासीनता और उपेक्षा के चलते हमें आन्दोलन करने के लिए विवश होना पड़ा।
जिला महिला अस्पताल के फार्मेसिस्ट डॉ सी पी पाण्डेय ने बताया कि जब तक हमारी मॉंगें नहीं मानी जाती हम आन्दोलन से नहीं लौटेंगे और समस्त स्वास्थ्य सेवाएं बन्द कर देंगे।
जेल चिकित्सालय खीरी के फार्मेसिस्ट डॉ आर पी मौर्या ने कहा सरकार यह मानती है कि फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है चिकित्सक की अनुपस्थिति में मरीज भी देखता है तो नुस्खा लिखने का विधिक अधिकार भी दिया जाना चाहिए, बड़े चिकित्सालयों में विशेष कार्य अधिकारी तथा संयुक्त निदेशक फार्मेसी के पद सृजित किये जायें।सीएचओ की न्यनतम योग्यता डी फार्म/बी फार्म रखी जाये, सेवारत फार्मेसिस्टों को बी फार्म कराया जाय। डीपीए खीरी के सभी सदस्य अपने बीस सूत्रीय मांग-पत्र के समरथन में दिनांक 17 से 19 दिसंबर तक पूर्ण कार्यबहिष्कार के पश्चात 20 दिसम्बर से पोस्टमार्टम और इमर्जेंसी सेवाएं बन्द करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
संप्रेक्षक डॉ प्रसून श्रीवास्तव ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से हमारी अपील है कि स्वास्थ्य सेवाएं अवरूद्ध होने से जनमानस को होने वाली परेशानियों को दृष्टिगत शीघ्र से शीघ्र मॉंगों को निस्तारित करने का कष्ट करें।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार शर्मा, डॉ धर्मेंद्र मौर्या, डॉ विमल सिंह, डॉ संदीप वर्मा, डॉ सरिता गुप्ता, डॉ नीहारिका वर्मा डॉ देव सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आन्दोलन को अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया।