इंसान की वास्तविक ताकत तो उसका स्वयं का आत्मबल ही होता है : महामंडलेश्वर विद्यागिरि जी महाराज।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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दिल्ली :- संत महामंडल की अध्यक्षा एवं श्री स्वामी नारायण गिरि दशनाम सन्यास आश्रम लक्ष्मीनारायण मन्दिर गीता कालोनी दिल्ली की महन्त श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज ने आज श्रद्धालुओं को सत्संग में इंसान की वास्तविक ताकत स्यवं का आत्मबल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत। यह बात कई बार आपके मुख से निकली भी होगी और बहुधा दूसरों के द्वारा भी सुनी होगी। जीवन का बहुत बड़ा रहस्य इस साधारण सी लोकोक्ति में छिपा है।
जिसका मन हार जाता है फिर चाहे दुनिया के कितने भी साधन और शक्ति उसके पास क्यों ना हो वह जरूर पराजित होता है। कुछ ना होते हुए भी मनोबल जिसका बना हुआ है वह एक दिन जरूर विजयी होता है। इंसान की वास्तविक ताकत तो उसका स्वयं का आत्मबल ही है। मनोबल से हीन व्यक्ति तो निर्जीव ही है।
शरीर कितना भी हृष्ट पुष्ट हो, आसान सा कार्य हो लेकिन शरीर को कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाला तो मन ही है।
स्वामी विद्यागिरि जी ने बताया कि सारे कार्य मन के द्वारा ही तो संचालित होते हैं। मन से कभी भी हार मत माननी चाहिए नहीं तो आसान सा जीवन भी कठिन हो जाएगा।
स्वामी जी ने बताया कि कमजोर मन के कारण ही रोग और मानसिक तनाव इस शरीर को घेर लेते है।
उन्होंने बताया कि शुद्ध सात्विक आहार का सेवन ओर सत्संग , प्रभु की शरण मे रहने वाले व्यक्ति का आत्मबल हमेशा मजबूत रहता है।