रिपोर्ट पदमाकर पाठक
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष/सचिव ने किया प्रेसवार्ता और विरोध सभा
आजमगढ़।आपको बता दें कि 7 सितंबर 2021 से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के समस्त अवर अभियंता राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के बैनर तले अपनी न्याय तर्कसंगत वेतन संबंधी विषमताओं के निराकरण कार्य क्षेत्रों मैं प्रबंधन की दोषपूर्ण व नियम विरुद्ध कार्य शैली व उसकी आड़ में उत्पीड़नात्मक कार्यवाही के विरोध में व संसाधनों के घोर अभाव में विद्युत आपूर्ति के नित्य प्रति आ रही चुनौतियों से निपटने हेतु संसाधन मांग हेतु संगठन द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में आंदोलनरत है।
चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में ऊर्जा प्रबंधन द्वारा कोई सकारात्मक प्रयास ना कर जबरदस्ती प्रदेश की जनता को एक औद्योगिक अशांति के वातावरण में ढकेले जाने के परिणाम स्वरूप 25 अक्टूबर से आर-पार की लड़ाई का कार्यक्रम निर्धारित किया गया जिसमें 25 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक प्रेस वार्ता इसके बाद शाम 3:00 से 5:00 बजे जनपद मुख्यालय पर विरोध सभा और 27 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक जनपद मुख्यालय पर संपूर्ण कार्य बहिष्कार के बाद 29 अक्टूबर से क्षेत्रीय मुख्यालय पर संपूर्ण कार्य बहिष्कार व जेल भरो आंदोलन प्रस्तावित किया गया।
प्रदेश की जनता को शासन की मंशा अनुरूप बिजली देने का काम करता है जैसा कि कोरोनावायरस विभीषिका में भी अपने प्राणों को दांव पर लगाकर और अपने कई लोगों को खोकर भी जनता को अनवरत बिजली आपूर्ति बनाए रखा ऐसा संवर्ग कभी जनता से उनकी बिजली बंद करने के बारे में उसकी मंशा नहीं रहती थी। इसी वजह से सर्वप्रथम ध्यानाकर्षण आंदोलन व क्रमिक उपवास कर प्रबंधन व शासन से अपनी वेतन विसंगतियों विभागीय कार्यो के निष्पादन में विद्युत आपूर्ति हेतु धरातल पर आ रही समस्याओं के निराकरण का लगातार प्रयास किया जा रहा है लेकिन लगातार बढ़ते उत्पीड़न मानसिक दबाव व अत्यधिक भार के कारण अवर अभियंता लगातार रोग ग्रस्त होते जा रहा है और मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो रहे हैं।
प्रबंधन की गलत नीतियों को प्रबंधन के कारण हुए वित्तीय घाटे का कारण अवर प्रोन्नत अभियंताओं को बताकर उसका दुष्प्रचार कर उनको बदनाम करने के बाद विभाग के निजीकरण की साजिश व प्रबंध की असफलताओं को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है और प्रोन्नत अभियंता अपनी वेतन संबंधी विसंगतियों में वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं वह केवल पूर्व के आदेशों के चलते प्रचलित ग्रेड पे वेतन 4800 को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं और यह सही वरिष्ठता निर्धारण की मांग करना अधिकतर व्यवस्था सुधार से संबंधित है।