हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 5 अगस्त :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभाग द्वारा आयोजित कौशल विकास हेतु ऑनलाइन कार्यशाला के सातवें दिन प्रथम सत्र में डॉ. शुभ्रा ने नृत्य के कालांश में प्रतिभागियों को पिछले सत्र में करवाई हुई शिव परन का अभ्यास करवाया। इसके पश्चात डॉ. शुभ्रा ने नृत्य से संबंधित रोज़गार के अवसरों से विद्यार्थियों को परिचित करवाया। उन्होंने विद्यार्थियों को नृत्य को करियर के तौर पर लेने के लिए उत्साहित तो किया ही साथ ही साथ इसे अपने रूटीन में शामिल करने के फ़ायदे भी प्रतिभागियों को बताएँ । प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए इस सत्र के समापन हुआ ।
पश्चात द्वितीय कालांश में पंडित हरविंदर शर्मा ने राग चारुकेश्री में आगे की जानकारी देते हुए जोड तानो की रचना किस प्रकार की जाए इसके विषय मे जानकारी प्रदान की। इसके साथ-साथ जोड़ अलाप, जोड़ तान के बाद जोड़ झाला किस प्रकार बजाया जाता है इसकी भी जानकारी प्रदान की। कार्यशाला के अंत में सितार पर मेरा परदेसी ना आया गाना सुना कर सभी श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कार्यशाला के मध्याह्न सत्र के प्रथम कालांश में प्रोफेसर यशपाल ने राग भैरव के विभिन्न प्रकारों के विषय में जानकारी दी। अपने राग विभास की बंदिश भी प्रतिभागियों को करवाई तथा अंत में प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया इसके पश्चात साउंड रिकॉर्डिंग के कालांश में डॉ. रवि गौतम ने रिकॉर्डिंग से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण तत्वों पर प्रकाश डाला। संगीत एवं नृत्य विभाग की विभागाध्यक्षा व डीन प्रोफेसर शुचिस्मिता ने कार्यशाला के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला अत्यंत सफल रही है तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागी इस कार्यशाला से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के आठवें दिन सांय 4.30 बजे कार्यशाला का समापन समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया जाएगा जिसमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा गेस्ट ऑफ ऑनर तथा डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर मंजुला चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।