वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र : शास्त्री नगर स्थित हरिओम मंदिर में श्रीशिव महापुराण कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथावाचक पंडित अरूण मिश्र ने भगवान शिव की महिमा का व्याख्यान करते हुए कहा कि माता सती भगवान शिव के मना करने पर भी प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पहुंची। बिना बुलाए अपने पिता के घर गईं। अपमान का सामना न करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। शिव पुराण की कथा हमें उपदेश देती है कि जीवन साथी व अपने गुरु पर विश्वास व श्रद्धा होनी जरूरी है। बिन बुलाए मेहमान व बिना परिवार की आज्ञा से कहीं पर भी जाना शुभ नहीं होता। कथा व्यास ने कहा कि शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान शिव की भक्ति उनकी गाथाओं का श्रवण करना चाहिए, ताकि हमारा मानस जन्म सुखमय बन सके। इस अवसर पर वंदना चावला, वीना गुप्ता, अचला अरोड़ा, सरोज गुप्ता, जितेंद्र शर्मा, सुभाष अरोड़ा, विपिन गुप्ता, पवन गुप्ता, वेदप्रकाश जेटली , रविंद्र चावला, प्रवीण गोयल, तरुण वधवा, बलदेव पुंज सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
कथा सुनाते कथावाचक पंडित अरूण मिश्र।