वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार में अनुष्ठान के समापन पर भंडारे का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 17 जून : जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी के सान्निध्य में जनकल्याण एवं विश्व शांति की कामना से चल रहे दो दिवसीय अनुष्ठान का निर्जला एकादशी के अवसर पर विधिवत समापन हुआ। यह अनुष्ठान गायत्री जयंती के अवसर पर प्रारम्भ हुआ था। महंत राजेंद्र पुरी ने अनुष्ठान के समापन अवसर पर भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना की। उन्होंने श्रद्धालुओं को ज्येष्ठ महीने की निर्जला एकादशी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सर्वोत्तम माना गया है। इस दिन की पूजा से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है। सनातन परम्परा के अनुसार निर्जला एकादशी समस्त पापों को धोने वाली मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से समस्त पापों का नाश होता है और मनचाहा फल प्राप्त होता है। इस एकादशी को भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस अवसर पर रतन लाल, दर्शन सिंह, वीरेंद्र सिरसिला, विनोद सिरसिला, रिंकू पानीपत, मनमोहन सिंह, सतीश कुमार, हरप्रीत सिंह व मामू राम इत्यादि मौजूद रहे।
भंडारे में प्रसाद लेते हुए।