व्हाट्स एप ग्रूप पर शिक्षकों की हाजरी भेजने के आदेश पर अविलंब रोक लगाने की संघ ने किया मांग

हाजीपुर(वैशाली)परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ, वैशाली, शिक्षकों तथा कर्मियों की उपस्थिति पंजी की तस्वीर व्हाट्सएप ग्रुप पर मंगवाने संबंधी जिला पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी, वैशाली के मनमाने आदेश पर कड़ा आपत्ति दर्ज करते हुए माननीय मुख्यमंत्री,बिहार सरकार,अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग,निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग,बिहार राज्य परियोजना निदेशक बिहार,शिक्षा परियोजना परिषद,पटना को आवेदन देकर आदेश पर त्वरित रोक लगाने की मांग की है।संघ प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ब्रजवासी एवं जिला अध्यक्ष दिनेश पासवान ने कहा कि जिला पदाधिकारी,वैशाली द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी,वैशाली के ज्ञापन 2750 दिनांक – 12/7/22 के अनुसार शिक्षकों की उपस्थिति व्हाट्सएप के माध्यम से संकलित कराना यह मनमाना आदेश अधिकारियों का तुगलकी फरमान ही नहीं बल्कि राज्य परियोजना निदेशक बिहार,शिक्षा परियोजना परिषद,पटना द्वारा जारी की गई पत्रांक 181 दिनांक- 09.01.2020 में दिए गए आदेश की अवहेलना भी है।प्रासंगिक पत्र में अंकित है मोबाइल ऐप इत्यादि का उपयोग को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए साथ ही बिना अनुमति प्राप्त किए कोई भी पदाधिकारी मनमाने तरीके से व्हाट्सएप के माध्यम से उपस्थिति संकलित नहीं कर सकते हैं।जिला महासचिव झुन्नीलाल पंकज एवं वरीय सचिव नवनीत कुमार ने कहा की शिक्षकों को शक की नजर से देखना,कटघरे में खड़ा करना,अनुचित है उनकी विश्वसनीयता को समाज में अविश्वसनीय बनाने की साजिश है। सीता की भी अग्निपरीक्षा एक ही बार हुई थी परंतु शिक्षकों का अग्निपरीक्षा दिन भर में चार बार ली जाती है। जिस व्यक्ति पर बार-बार सवाल खड़ा किया जाए उस व्यक्ति की गरिमा पर आघात है अगर शिक्षक का अटेंडेंस विभाग द्वारा डायरेक्ट लिया जा रहा है और कैमरे की निगरानी में ही रखना है तो निरीक्षी पदाधिकारी का पद समाप्त किया जाना चाहिए।वैसे पदाधिकारी का पद का क्या औचित्य है।जहाँ रोजाना उपस्थिति ली जा रही हो वहाँ शिक्षकों की मासिक अनुपस्थिति विवरणी भी देने की भी क्या जरूरत है।जिला संयोजक मनौवर अली नूरानी एवं कोषाध्यक्ष इंद्र देव महतो ने कहा कि किसी भी कार्यालय के कर्मियों को इस तरह की तस्वीर भेजने के लिए वाध्य नहीं किया गया परंतु शिक्षकों के लिए ऐसा आदेश क्यों जारी किया जा रहा है? विभागीय स्तर से शिक्षकों को मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं कराया गया है और न ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।ऐसे में व्यक्तिगत खर्च कर मोबाइल फोन क्रय कराने एवं इंटरनेट सुविधा प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष, हाजीपुर राजू रंजन चौधरी एवं प्रखंड संयोजक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रखंड एवं जिला स्तर पर शिक्षकों की उपस्थिति संकलित करने के लिए जिन कर्मियों को लगाया गया है।वह अपने मूल कार्य छोड़कर इस कार्य में व्यर्थ की ऊर्जा नष्ट करने पर मजबूर है।शिक्षक अपने हस्ताक्षर को ग्रुप पर डालने की स्थिति में उनके हस्ताक्षर के नमूनों का दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाएगी।इस तरह के आदेश से शिक्षक अनावश्यक दवाब महसूस कर रहे हैं। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
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