हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मोगा : जीवन और मृत्यु सिर्फ भगवान के हाथ में है लेकिन मानवता के आधार पर हम अगर किसी की मदद कर सकें तो इस से बड़ा पुण्य का काम कोई नही । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की इंटरनेशनल चेयरपर्सन व राधे राधे स्वस्थ बनादे ट्रस्ट मोगा ( पँजाब ) की संस्थापिका राजश्री शर्मा ने एक गरीब महिला जोकि पिछले 12 सालों से लीवर की तकलीफ से सँघर्ष करते हुए दम तोड़ने पर उसके सँस्कार के दौरान कही ।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वह अपने घरेलू कार्य के कारण शहर से बाहर गई हुई थी । उनके पास उनके ट्रस्ट के सदस्यों का फोन आया कि एक गरीब महिला जोकि पिछले 12 सालो से लिवर की परेशानी से जूझ रही है और वे उसे सरकारी हॉस्पिटल में लेकर आई हैं । तो में तुरन्त वापिस आई ओर हॉस्पिटल पँहुची । लेकिन जीवन और मृत्यु इंसान के नही भगवान के हाथ है । हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नही जा सका ।
राजश्री शर्मा ने कहा कि महिला की मौत का उन्हें दुख है । लेकिन इस बात का गर्व भी है कि उनके ट्रस्ट के सदस्यों ने उनकी गैरमौजूदगी में ट्रस्ट के लक्ष्य को देखते हुए उस महिला को इलाज के लिये बिना देरी किये उसकी जिंदगी बचाने के लिये हॉस्पिटल लेकर आये । उन्होंने पँजाब सरकार से उस महिला के बच्चों की शिक्षा व उसके परिवार को सरकारी मदद करने का आग्रह किया ।
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स व राधे राधे स्वस्थ बनादे ट्रस्ट मोगा ( पँजाब ) की तरफ से उस महिला का दाह संस्कार करवाया गया । राजश्री शर्मा ने ट्रस्ट के राजेन्द्र सिंह , ममता मोंगा , सेवादार सन्यासी सिंह , चमकौर सिंह जॉयल, बलजिंदर सिंह, गुरुचरण कौर, राहुल मोंगा, पल्लवी आदि सभी का धन्यवाद किया ।