राज्य के हजारों शिक्षकों का चंडीगढ़ में अपने हक के लिए जबरदस्त प्रदर्शन

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

रेशनेलाइजेशन के खिलाफ उठाई आवाज
सरकार के आदेशों को किया दरकिनार।

चंडीगढ़ 22 अगस्त : हरियाणा सरकार की रेशनेलाइजेशन नीति के विरोध में हरियाणा के हजारों शिक्षक स्कूलों से छुट्टी करके सोमवार को चंडीगढ़ पहुंच गए। शिक्षकों ने पंचकूला में शिक्षा सदन के बाहर प्रदर्शन के बाद चंडीगढ़ कूच किया। जहां पुलिस ने चंडीगढ़ की सीमा में प्रवेश करते ही उन्हें रोक लिया। काफी देर तक चंडीगढ़ व हरियाणा की सीमा पर हंगामा होता रहा।
हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा विभाग द्वारा तबादलों के दौरान किए गए गलत रेशनलाइजेशन और नॉर्मलाइजेशन के विरोध में हरियाणा स्कूल लेक्चरर्ज एसोसिएशन (हसला) के हजारों शिक्षक आज पंचकूला में एकत्र हुए। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ और पंजाबी अध्यापक संघ ने भी हसला का समर्थन किया।
हरियाणा के हजारों शिक्षकों का चंडीगढ़ में हल्ला बोल।
अध्यापक संगठनों द्वारा आज किए गए प्रदर्शन से पहले हरियाणा सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह अपने – अपने जिलों में स्कूल अध्यापकों की उपस्थिति को यकीनी बनाएं। सरकार द्वारा यह भी कहा गया था कि आज के प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद भारी संख्या में शिक्षक आज स्कूल छोडक़र चंडीगढ़ पहुंचे।
हसला राज्यप्रधान सतपाल सिंधु ने कहा कि शिक्षा मंत्री तथा विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में कोई परिणाम नहीं निकला।
हसला की मांगो को जायज मानते हुए प्रदेश के कई अध्यापक संगठन सर्मथन में आ गए। जिनमें हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ, मौलिक अध्यापक संघ हरियाणा,पंजाबी भाषा अध्यापक संघ, हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ शामिल है।
हरियाणा के हजारों शिक्षकों का चंडीगढ़ में हल्ला बोल।
अध्यापकों ने पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर शक्ति प्रदर्शन करने के बाद चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया। इसके बाद अध्यापकों को पंचकूला तथा चंडीगढ़ पुलिस ने चंडीगढ़ की सीमा पर रोक लिया। जहां काफी देर तक हंगामे के बाद अध्यापकों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल से मिले। इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकला।
आज के धरने को पूर्व प्रधान किताब सिंह मोर, पूर्व महासचिव दयानन्द दलाल, पंचकूला जिला प्रधान सुनील वर्मा, यमुनानगर जिला प्रधान शशिकांत चौधरी,अंबाला जिला प्रधान रमाकांत मलासी, हिसार जिला प्रधान विक्रम सिसाय, जींद जिला प्रधान जोगिंदर लौहान, फतेहाबाद जिला प्रधान कृष्ण मंदेरना समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।
ये है प्रमुख अन्य विसंगतियाँ।
हाई स्कूल में हिंदी, इंग्लिश के प्राध्यापक पदों को खत्म करना।
आर्टस स्ट्रीम वाले सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पीजीटी साइंस व पीजीटी मैथ के पदों को सरप्लस करना।
कार्यभार होते हुए पांच साल से पहले अनेक पद कैप्ट करना।
फिजिकल एजुकेशन, फाइन आर्ट सहित अनेक विषयों का नॉर्मेलाइजेशन ठीक नहीं करना।
वाणिज्य संकाय वाले कई स्कूलों से अर्थशास्त्र विषय को कैप्ट करना।
वोकेशनल लेक्चरर को पीजीटी पद के विरुद्ध ड्राइव में शामिल करना।
आरओएच के पीजीटी को मेवात के स्कूल ऑप्शन नहीं देना।
अध्यापक संगठनों की मुख्य मांगे
300 पदों से कम संख्या वाले विषयों के लिए जोन की बाध्यता हटाना।
क्लस्टर लेवल पर तीनों स्ट्रीम दिए जाएं।
साइंस स्ट्रीम के तीनों विषयों फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी में टोटल पार्टिसिपेट से पांच प्रतिशत अधिक पद उपलब्ध करवाए जाएं।
जिन विद्यालयों में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय को पोलिटिकल साइंस के पीजीटी पढ़ा रहे थे उन पदों को कैप्ट न करना।
स्कूल ऑप्शन भरने का यथासंभव समय दिया जाए।

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