![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2024/04/1000042604-1024x684.jpg)
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 29 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में सोमवार को तीन दिवसीय एकल कला प्रदर्शनी ‘होप’ का हुआ शुभारंभ। प्रदर्शनी में दिल्ली से प्रख्यात कलाकार प्रतुल दास ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस प्रदर्शनी में मास्टर्स ऑफ़ फाइन आर्ट्स, मूर्तिकला अंतिम वर्ष के विद्यार्थी सुनील कुमार ने अपना कार्य प्रदर्शित किया जो धातु, पत्थर, माटी, लकड़ी आदि से बनाई गयी हैं।
प्रदर्शनी के अवलोकन के उपरान्त मुख्यातिथी प्रतुल दास ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी द्वारा मूर्तिकला की यह एक अद्वितीय प्रदर्शनी है जो सांस्कृतिक अनुभव करवाती है। जो हमें भी समाज और प्रकृति के लिए गहन चिंतन की ओर अग्रसर करता है और कहा कि यह कार्य सराहनीय है और इस सफल आयोजन के लिए आप बधाई के पात्र है।
छात्र सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी कलाकृतियों के माध्यम से समय के साथ हो रहे बदलाव को बहुत ही शानदार से एकल माध्यम से दिखाने की कोशिश की है। सुनील ने अपने जीवन में अनेकों बदलावों को दर्शाया है। कलाकृतियां बनाने की उनकी प्रक्रिया में वह अपने भीतर और अपने आस-पास के वातावरण में शांति महसूस करते हैं। उन्होंने अपनी मूर्तिकला प्रदर्शनी में दिखाया है कि समाज में किस तरह से बदलाव देखने को मिलता है।
अधिष्ठाता प्राच्य विद्या संकाय एवं विभागाध्यक्ष ललित कला विभाग प्रो. रामविरंजन ने छात्र कलाकार का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हमारे संस्थान द्वारा मूर्तिकला की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी रचनात्मकता और नवाचार के माध्यम से व्यावसायिक कला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करना है। कला में नई नई शैलिया और नए नए माध्यमों का प्रयोग हो रहा है, जिसका प्रयोग विद्यार्थी भी बड़े ही उत्साह से कर रहे है तथा इस प्रदर्शनी में उसकी झलक मिल रही है और कहा कि ऐसे प्रदर्शनियों से विद्यार्थियों तथा अध्यापकों में भी नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी 1 मई सायं 4 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
इस अवसर पर डॉ. पवन कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, सुशील कुमार, डॉ. राकेश बानी, डॉ. आरके सिंह, आरएस पठानिया, कुलदीप सिंह, राजेश कुमार, महक चावला, लवलीना, सोहन, सुनील कुमार, सहित सभी शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।