खान-पान में बदलाव व योग की मदद से थायराइड को किया जा सकता है नियंत्रितः डॉ. अनेजा

खान-पान में बदलाव व योग की मदद से थायराइड को किया जा सकता है नियंत्रितः डॉ. अनेजा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कुरुक्षेत्र, 17 जून : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आर एस एस डी आई मेंबर एवं मेडिकल ऑफिसर डॉ. आशीष अनेजा द्वारा लोगों को थायराइड के प्रति जागरूक किया गया। डॉ. अनेजा के अनुसार थायराइड कोई रोग नहीं होता है बल्कि यह एक तितली के आकार की ग्रंथि है। यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर स्थित होती है जिसके कारण ये बीमारी होती है, अर्थात यह गर्दन के निचले हिस्से में पाई जाने वाली एक इंडोक्राइन ग्रंथि है जिसकी वजह से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसके कारण से शरीर में बहुत सी समस्याएं देखने को मिलती हैं। विशेषतौर पर यह आम समस्या है जो पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करती है। थायराइड के सामान्य लक्षणों में थकान, शरीर सुस्त रहना, थोड़ा काम करते ही एनर्जी का खत्म हो जाना, किसी काम में मन न लगना, टैंशन में रहना, याद्दाश्त का कमजोर हो जाना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना शामिल हैं।
डॉ. अनेजा का कहना है कि ज्यादातर लोग इन लक्षणों की ओर ध्यान नहीं देते और बाद में गम्भीर समस्या का सामना करना पड़ता है और यदि परिवार का कोई सदस्य थायराइड से ग्रसित होता है तो घर के अन्य सदस्यों को भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता है। वजन का कम या ज्यादा होना, गर्मी व सर्दी को सहन न कर पाने में असमर्थता ये इस बीमारी का मुख्य कारण है। इसके अलावा गर्भावस्था और पीरियड्स की वजह से भी महिलाओं में ये बीमारी होती है क्योंकि ये ऐसे समय होते हैं जब इनके शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं इसलिए इस बीमारी में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि थायराइड से ग्रसित मरीज के लिए थायराइड फंक्शन टेस्ट किया जाता है तथा मरीज के व्यवहार को देखकर भी इसका पता लगाया जा सकता है तथा कई बार स्क्रीनिंग भी इसमें फायदेमंद साबित होती है।
डॉ. अनेजा ने बताया कि वैसे तो थायराइड से पूरी तरह से छुटकारा मिलना इतना आसान नहीं है परन्तु फिर भी खानपान में बदलाव करके तथा नियमित हैल्थ चैकअप, धूम्रपान छोड़कर, व योग की मदद से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे बचने के लिए सीफूड और आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम युक्त संतुलित आहार करना चाहिए। इसके अलावा चीनी और कॉफी इत्यादि का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

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