कन्नौज
किशोरी स्वास्थ्य दिवस के जरिये दिए सेहतमंद रहने के टिप्स
एनीमिया व किशोरावस्था के बदलावों के प्रति किया जागरूक
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी/सुमित मिश्रा
किशोरों-किशोरियों की सेहत सुधारने के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत शुक्रवार को सामुदायिक केन्द्र, जलालाबाद के उपकेन्द्र आटारी के ग्राम मवई व बछ्जापुर में किशोरी स्वास्थ्य दिवस मनाकर किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम के दौरान किशोरियों को पौष्टिक भोजन एवं आयरन युक्त खाद्य पदार्थो को अपने खाने मे शामिल करने के महत्व को बताते हुए जिला समन्वयक रागिनी सचान ने कहा कि आयरन युक्त भोजन किशोर- किशोरियों के समुचित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | बच्चों को बाजार के जंक फ़ूड को नहीं खाना चाहिये लेकिन आजकल बच्चे हरी- सब्जी, दूध और पोषण वाला खाना नहीं पसंद करते हैं और उसकी जगह बच्चों को फास्ट फूड,पिज्जा, बर्गर ज्यादा पसंद आता हैं।बच्चे बाहर का खाना खाकर बीमार भी हो रहे हैं साथ ही उनमें पोषण तत्व की कमी हो रही हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रत्येक चार घंटे में किशोर किशोरियों को पौष्टिक आहार लेते रहना चाहिए।|एनीमिया से बचने के लिए किशोरियों को साप्ताहिक आयरन की नीली गोली प्रयोग करने की सलाह दी | साथ ही बताया कि 10 वर्ष से 19 वर्ष की उम्र किशोरवस्था कहलाती है, इस उम्र में बच्चों के शरीर में कई बदलाव होते हैं इन बदलाव को लेकर उनमें कई शंकाएं भी रहती हैं ऐसे में जरूरी हैं कि वह खुल कर बात करें। ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे किशोरों के लिए जनपद के सामुदायिक केन्द्रों पर साथिया केंद्र संचालित किये जा रहे है| केन्द्र पर आयरन फोलिक टैबलेट व सैनिटरी पैड आदि मुफ्त में दिए जाते हैं। किशोरियों के माहवारी प्रबन्धन और स्व्च्छता पर जानकारी देते हुये अर्श काउंसलर कहकशां बेगम ने बताया माहवारी 9 से 13 वर्ष की लड़कियों के शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप उनके शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं | यह सभी लड़कियों में किशोरावस्था के अंतिम चरण से शुरू होकर (रजस्वला) उनके संपूर्ण प्रजनन काल (रजोनिवृत्ति पूर्व) तक जारी रहती है | उन्होंने कहा कि आज भी बहुत सी किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल नहीं जाती हैं, महिलाओं को आज भी इस मुद्दे पर बात करने में झिझक होती है जबकि आधे से ज्यादा को तो यह लगता है कि मासिक धर्म कोई अपराध है। जबकि इस दौरान स्वच्छता के महत्व को अपनाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है | उन्होने माहवारी के दौरान उपयोग होने वाले कपड़े को धूप मे सुखाने और हर बार नया पैड इस्तेमाल करने का सुझाव दिया | कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी व मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में निशा प्रथम स्थान, मेंहदी में सिखा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ।