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तिर्वा इंदरगढ़ कन्नौज
उस राजा का जीवन बेकार है जिसके राज्य में प्रजा दुखी आचार्य संतोष शुक्ला
तिर्वा तहसील संवाददाता अवनीश कुमार तिवारी ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
हसेरन क्षेत्र के ग्राम हुसैन नगर मे विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बाबा धारा जीत के स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। कथा पंडाल में आज पांचवे दिन भागवत कथा का मनमोहक वर्णन किया गया। जिसमें कथावाचक असजना औरैया से पधारे पंडित संतोष शुक्ला द्वारा रसमई ज्ञान मई संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का वर्णन किया जा रहा है। कथावाचक आचार्य ने आज भरत चरित्र की कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने बताया भरत ने अपनी खेती की रखवाली करते समय अपनी फसल का पक्षियों के लिए भंडारा कर दिया। शुक्ला जी ने बताया व्यक्ति को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए। भरत जी ज्यादा सीधे थे तो उनसे पालकी चलवाई गई। आर्यों के निवास स्थल होने से देश का नाम आर्यावर्त हुआ। भरत जी के नाम से इस देश का नाम भारत देश पडा। हमारी जन्मभूमि सनातन धर्म से परिपूर्ण है ।कथा प्रांगण में सचिन उर्फ गंठे ,जय मिलन ,शिव मिलन, विवेक चौहान ,विपुल चौहान, बिरजू ,अंकुश, सुनील ,महादेव, दफेदार सिंह ,विनोद सिंह ,प्रतेश सिहं एवं दिनेश भदौरिया पत्रकार मौजूद रहे। पंडित जी ने कथा के साथ साथ समाज को कुरीतियों से बचने के लिए सुंदर सुंदर प्रवचनो का भी वर्णन किया । उन्होंने बताया जिस राज्य का राजा स्वर्णिम होगा उस राज्य की प्रजा दुखी नहीं होगी। राजा के राज्य पर प्रजा हमेशा राज्य करती है।