भारत को विश्व में अग्रिम स्थान बनाने के लिए पदार्थ निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी होगीः प्रो. टंकेश्वर कुमार

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सॉलिड मैकेनिक्स की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत उपयोगिता : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
कुवि के गणित विभाग द्वारा रिसेंट एडवांसिज़ इन सॉलिड मैकेनिक्स एंड सिसमोलिजी’ विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ।

कुरुक्षेत्र, 26 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गणित विभाग द्वारा इंटरनेशनल एकेडमी आफ फिजिकल साईंसिज प्रयागराज के सहयोग से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘रिसेंट एडवांसिज़ इन सॉलिड मैकेनिक्स एंड सिसमोलिजी’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो. टंकेश्वर कुमार कुलपति केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेन्द्रगढ़ ने कहा कि भारत को विश्व में अग्रिम स्थान बनाने के लिए पदार्थ निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि आज के जीवन में पदार्थ विज्ञान की बढ़ते उपयोग से सालिड मैकेनिक्स और द्रव्य यांत्रिकी की महत्ता बढ़ती जा रही है। इस संदर्भ में गणित विभाग द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक निरन्तर ऐसी चिप और पदार्थ कि खोज में हैं जिसको इंसान के शरीर में रोपित करने से उसकी उपयोगिता बढ़ाई जा सके। आने वाले समय में इस प्रकार की चिप द्वारा मानवीय स्मरणशक्ति को बढ़ाया जा सकेगा और ऐसा भी संभव है कि बिना किसी यंत्र के व्यक्ति सूचना तंत्र से जुड़ सकेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि सॉलिड मैकेनिक्स की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत उपयोगिता है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट संरचना में भी ठोस यांत्रिकी का विशेष महत्व है और वर्तमान तथा आने वाले समय में इस प्रकार निर्मित होने वाले स्ट्रक्चर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। उन्होंने गणित विभाग को इस महत्ती आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि विभाग अंतरविषयक अध्ययन को बढ़ावा देकर अति सराहनीय कार्य कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने गणित विषय के लाभ और भारत के प्राचीन गणितज्ञों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. सर्वजीत सिंह ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का गणित विभाग वर्ष 1964 से भूकम्पीय विज्ञान विषयक शोध का अग्रणी केन्द्र रहा है और उन्होंने पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए कहा कि गणित विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा प्रायोगिक गणित एवं सिद्धान्तकीय भौतिकी विभाग, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड के बीच में लम्बे समय तक शोधार्थियों का आदान-प्रदान होता रहा है।
प्रो. पीएन पांडे ने इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ फिजिकल साईंसिज़ के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 27 वर्षो से यह संस्था विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार हेतु निरंतर कार्यरत है। एकेडमी स्वर्ण पदक, फैलोशिप, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के रूप में हर वर्ष शोधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए सम्मानित करती है और अब तक भारत तथा विदेशों में 65 अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन कर चुकी हैं।
इससे पूर्व संगोष्ठी के संयोजक प्रो. अनिल वशिष्ठ ने अतिथियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि 8 देशों से 362 वैज्ञानिक इस ऑनलाईन संगोष्ठी में भाग ले रहे हैं। अमेरिका, ईटली, अल्जीरिया, नाईजीरिया, मैक्सिको, पाकिस्तान, सऊदी अरब से वैज्ञानिक अपना शोध पत्र तथा आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। संगोष्ठी के आयोजन सचिव।
प्रो. विनोद कुमार ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया और धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 400 से अधिक शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने भाग लिया।

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