बिहार:पोषण को बढ़ावा देने के लिए सेविकाओं ने कराया बच्चे का अन्नप्राशन

  • 6 माह बाद स्तनपान के साथ शिशु को दें ऊपरी आहार
  • साफ-सफाई पर ध्यान रखने व मास्क का प्रयोग करने का दिया निर्देश
  • महिलाओं को दी गई अनुपूरक आहार की जरूरत सम्बधी जानकारी

कटिहार संवाददाता

आंगनबाड़ी केन्द्रों में हर माह 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है। कोविड संक्रमण को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्र बन्द होने की स्थिति में सोमवार को सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर 6 माह के शिशुओं को खीर खिलाकर उनका अन्नप्राशन कराया गया। सेविकाओं द्वारा शिशुओं को अन्नप्राशन कराने के साथ ही सभी स्थानीय लोगों को सही पोषण की जानकारी देने एवं उसके उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।

कुपोषण को दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण दिया जाना जरूरी :

अन्नप्राशन कार्यक्रम के सम्बंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बेबी रानी ने कहा बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए उन्हें सही पोषण दिया जाना जरूरी है। पोषण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस रूप में मनाया जाता है व स्थानीय लोगों को सेविकाओं द्वारा पोषण के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सेविकाओं द्वारा शिशुओं के परिजनों को पोषण की जानकारी दी जाती है।

सोशल डिस्टेंसिंग और हमेशा मास्क का प्रयोग करने का भी निर्देश :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बेबी रानी ने लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और हमेशा मास्क का प्रयोग करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के भाग लेने की भी अपील की।

स्तनपान के साथ शिशु को ऊपरी आहार जरूरी :

आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बेबी रानी ने कहा कि 6 माह बाद स्तनपान के साथ शिशुओं को अनुपूरक आहार भी दिया जाना जरूरी है। स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशु को सुपाच्य खाना देना चाहिए। शिशु को मल्टिंग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दें, क्योंकि माल्टिंग से तैयार आहार से शिशुओं को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। न खाने की स्थिति में भी थोड़ी-थोड़ी ऊपरी आहार शिशु को दिन में कई बार देते रहना चाहिए जिससे कि उसे खाने की आदत लग सके।

महिलाओं को दी गई अनुपूरक आहार की जरूरत सम्बधी जानकारी :

अन्नप्राशन के दौरान केन्द्र में उपस्थित महिलाओं को शिशुओं के लिए 6 माह के बाद के ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में भी जानकारी दी गयी। पोषण अभियान के जिला समन्यवक अनमोल गुप्ता ने कहा 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाना चाहिए। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करना चाहिए। इससे शिशुओं में कुपोषण की सम्भावना नहीं होगी और वह स्वास्थ्य रह सकेंगे।

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