बिहार:कुपोषण से उबरने के लिए 01 सितंबर से पूरे माह मनाया जाएगा पोषण माह

कुपोषण से उबरने के लिए 01 सितंबर से पूरे माह मनाया जाएगा पोषण माह

• पोषण को बढ़ावा देने के लिये पूरे माह विभिन्न गतिविधियों का होगा आयोजन
• आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों को करेंगी चिह्नित
• सही पोषण को बढ़ावा देने के लिये आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका होगा विकसित

पूर्णिया संवाददाता

जिले में कुपोषण के खिलाफ पूरे सितंबर माह विशेष अभियान का संचालन किया जायेगा। इसके लिये 01 सितंबर से 30 सितंबर तक संचालित होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान पोषण को बढ़ावा देने के लिये जिले में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस संबंध में पत्र जारी कर जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। जारी पत्र में संबंधित विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से अभियान को सफल बनाने की बात कही गयी है। जो प्रधानमंत्री के कुपोषण मुक्त भारत के निर्माण में सहायक होगा। अभियान का उद्देश्य आंगनबाड़ी सेवा में सुधार करते हुए पोषण को बढ़ावा देना है। इसके लिये राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को जन आंदोलन का रूप देते हुए सामुदायिक भागीदारी के से अभियान का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने की बात कही गयी है।

चार सप्ताह के लिए चार मूल्य विषय की पहचान:

राष्ट्रीय पोषण माह के तहत सितंबर माह में पोषण को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में जानकारी देते हुए आईसीडीएस डीपीओ राखी कुमारी ने बताया कि पोषण माह चार मूल विषयों पर आधारित होगा। पोषण माह के पहले सप्ताह में आंगनबाड़ी केंद्रों विद्यालयों, पंचायत सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पोषण वाटिका के रूप में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। अभियान के दूसरे सप्ताह पोषण के लिए गर्भवती महिलाएं, बच्चे व किशोर सहित अन्य लक्षित समूह के लिये अलग-अलग स्थानों पर योग सत्र का आयोजन किया जायेगा। तीसरे सप्ताह में आईईसी सामग्री के साथ आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र में लाभुकों के बीच पोषण कीट का वितरण किया जायेगा। अभियान के चौथे चरण में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की पहचान व उनके बीच पौष्टिक आहार के वितरण के लिये अभियान का संचालन किया जायेगा। इसके लिये आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों का वजन, लंबाई व का माप करेंगी। इसके आधार कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया जाना है।

आहार विविधता को बढ़ाने के लिए किया जायेगा प्रेरित:

राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया कि भोजन में कैलोरी को ज्यादा प्रधानता दिये जाने से नियमित रूप से सेवन किये जा रहे आहार में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी देखी जा रही है। जो बच्चों में अल्पपोषण को बढ़ावा दे रहा है। बच्चों के आहार में सुक्ष्म पोषक तत्वों की कमी उनके समुचित विकास में बाधक साबित हो रहा है। इसके लिये आहार विविधता को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। लिहाजा बाजरा, दाल, बारहमासी व मौसमी सब्जियां, फलों का नियमित उपयोग बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाओं के उचित पोषण के लिेये जरूरी है। अभियान के तहत ये तमाम जानकारी आम लोगों के बीच साझा किया जायेगा। पोषण माह पर एक अवधारणा नोट व पोषण माह के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा संचालित गतिविधियों को लेकर कैलेंडर जारी किये जाने की बात उन्होंने कही।

जन आंदोलन को मजबूत करने पर बल:

पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार के मुताबिक पूरे माह संचालित होने वाले इस अभियान कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। अभियान को जन आंदोलन का रूप देते हुए डैशबोर्ड संबंधित दैनिक गतिविधियों का आयोजन www.poshanabhiyaan.gov.in पर अपलोड किया जाना है। राष्ट्रीय पोषण माह 2021 की सफलता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से विभिन्न मीडिया माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। अभियान के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उन्होंने लोगों से कुपोषण मुक्त भारत के निर्माण में अपना सहयोग सुनिश्चित करने की अपील की।

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