ब्यूरो चीफ सैयद हामिद अली
विश्व भर में महिलाओं के मान सम्मान को बरकरार रखने और समाज में महिलाओं की अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता के उद्देश्य से आज मुहिम का आगाज़ विश्व स्तर पर सैय्यद शाहीन चिश्ती ने अजमेर से किया। चिश्ति ने महिलाओं के संदर्भ में एक किताब “the grand daughter project” लिखी है। इस किताब का दरगाह के महफ़िल खाने में विमोचन किया गया। किताब में महिला के मान सम्मान और अधिकार को समझाया गया है। इस सिलसिले में शाहीन चिश्ति ने अजमेर दरगाह हज़रत ख्वाज़ा मोईनुद्दीन हसन चिश्ति रहमतुल्लाह अलैहि की बारगाह में हजारी देकर कामयाबी की दुआ मांगी। और दरगाह के महफ़िल खाना में एक कार्यक्रम रखा गया। जिसमे दरगाह शरीफ के ख़ुद्दामो और ज़ायरीन ने शिरकत की। महफ़िल खाना में किताब विमोचन के अवसर पर सूफियाना महफ़िल आयोजित की गई और शाहीन चिश्ति ने महिलाओं के अधिकार को सामाजिक और धार्मिक महत्व से लोगो को समझाया। चिश्ति के मुताबिक 35 प्रतिशत आबादी को मान सम्मान और अधिकार के लिए विश्व स्तरीय पहचान बेहद ज़रूरी है।
ब्रिटिश-भारतीय लेखक शाहीन चिश्ती ने अपने पहले उपन्यास, “द ग्रैंडडॉटर प्रोजेक्ट”
इंटरनेबशनल पब्लिशिंग हाउस निंबले बुक्स एलएलसी ने अजमेर से आगाज़ किया है।
ब्रिटिश लेखक और विश्व शांति अधिवक्ता शाहीन चिश्ती, जिसका शीर्षक “द ग्रैंडडॉटर प्रोजेक्ट” है।
शाहीन चिश्ती ने
एक गहरी भावनात्मक और कच्ची कहानी लिखी, अपने अनुभव को मार्मिक रूप से बताते हुए महिलाओं की आवाज़ बुलंद करने की बात कही।
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील सहित और सिंगापुर में भी महिलाओं के मान सम्मान और अधिकार को लेकर शाहीन चिश्ति ने मुहिम की बात की है।
अजमेर दरगाह में हुए किताब के विमोचन के वक़्त ख़ादिमों की अंजुमन सैय्यद जादगान और शैख़ज़ादान के पदाधिकारियों समेत दरगाह कमेटी के नुमाइंदे मौजूद रहे