पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दिल्ली तक बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए फाइलों की रफ्तार तेज हो गई है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार हो रही है जिसे दीपावली तक रेल मंत्रालय को सौंप दिए जाने की संभावना है।
इसके बाद जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। बुलेट ट्रेन के लिए बनारस के 30 गांवों से 22 किलोमीटर का हाई स्पीड कारिडोर गुजरेगा। इसके लिए 30 गांवों की 100 हेक्टेअर भूमि की दरकार होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे हाईस्पीड कारिडोर निर्माण के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गई है।
भूमि अधिग्रहण के लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाई जाएंगी। किसानों की सहमति से जमीन की खरीद की जाएगी। इससे पहले अधिग्रहण की सूचना प्रसारित की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र में दो गुना मुआवजा दिया जाएगा। अधिकारियों ने विकास कार्य में सभी से सहयोग की अपील की है।
वाराणसी से दिल्ली तक हाई स्पीड कारिडोर निर्माण के लिए नोएडा से लिडार सर्वे कराया जा चुका है। यह हाई स्पीड कारिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों तथा दिल्ली के दो जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें बनारस की दो तहसीलों राजातालाब व सदर के 30 गांव प्रभावित होंगे। वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन कुल 810 किमी दूरी तय करेगी। बुलेट ट्रेन के स्पीड का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दिल्ली तक की दूरी तय करने में जहां तेजस व वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेनों से नौ घंटे लगते हैं, जबकि बुलेट ट्रेन महज तीन घंटे 40 मिनट में पहुंचा देगी। वाराणसी से दिल्ली तक हाई स्पीड कारिडोर से एक शाखा कारिडोर भी जुड़ेगा जिससे लखनऊ होते हुए अयोध्या तक करीब 135 किमी का सफर भी किया जा सकेगा।